Shakti Peeth: भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से किए थे माता सती के 52 टुकड़े, ऐसे बने थे शक्तिपीठ, जानिए क्या है कहानी
पूरे भारत के अलग-अलग स्थानों पर पवित्र शक्ति पीठ स्थापित हैं। जहां देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का उल्लेख मिलता है तो वहीं तंत्र चूड़ामणि में 52 शक्तिपीठों का उल्लेख है। पाकिस्तान से लेकर श्रीलंका तक में यह शक्तिपीठ स्थापित हैं। जानिए किस-किस स्थान पर यह शक्तिपीठ हैं।
देवी मां के फेमस और पावन मंदिरों में 52 शक्तिपीठ शामिल हैं। हालांकि वैसे तो अधिकतर 51 शक्तिपीठों के बारे में पढ़ने व सुनने को मिलता है। लेकिन तंत्र चूड़ामणि में 52 शक्तिपीठ के बारे में बताया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शक्तिपीठ अपने अस्तित्व में कैसे आए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव की पहली पत्नी का नाम माता सती था। माता सती प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं। लेकिन प्रजापति के खिलाफ जाकर माता सती ने भगवान शिव से विवाह किया था।
एक बार जब प्रजापति दक्ष ने यज्ञ किया तो उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। लेकिन दक्ष ने अपनी पुत्री सती और भगवान शिव को इस यज्ञ के लिए आमंत्रित नहीं किया। जिस पर माता सती बिना बुलाए यज्ञ में पहुंची थी। जबकि भगवान शिव ने उन्हें वहां जाने से रोका था। लेकिन जब वह हठ करके दक्ष के यज्ञ में पहुंची तो प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव का अपमान कर उनको अपशब्द कहे। माता सती को पति का अपमान सहन न हुआ और उन्होंने हवन कुंड में कूदकर अग्निस्नान कर लिया।
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माता सती के प्राण त्याग देने पर भगवान शिव यह वियोग सह न सके और वह सती के शव को लेकर तांडव करने लगे। इससे पूरे ब्रह्मांड पर प्रलय आने लगी। यह देख भगवान श्रीहरि विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शव के टुकड़े कर दिये। माता के शरीर के अंग और आभूषण 52 टुकड़ों में धरती पर अलग अलग जगहों पर गिरे। जो बाद में शक्तिपीठ बन गए। अगर आप भी माता सती के इन 52 शक्तिपीठों के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो यह जानना जरूरी है कि देवी के 52 शक्तिपीठ किस-किस स्थान पर स्थित हैं। साथ ही इन शक्तिपीठों के क्या नाम हैं।
देवी मां के शक्तिपीठ
1- मणिकर्णिका घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
2- माता ललिता देवी शक्तिपीठ, प्रयागराज
3- रामगिरी, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
4- उमा शक्तिपीठ, वृंदावन, उत्तर प्रदेश (कात्यायनी शक्तिपीठ)
5- देवी पाटन मंदिर, बलरामपुर
6- हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ, मध्य प्रदेश
7- शोणदेव नर्मता शक्तिपीठ, अमरकंटक, मध्यप्रदेश
8- नैना देवी मंदिर, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
9- ज्वाला जी शक्तिपीठ, कांगड़ा, हिमाचल
10- त्रिपुरमालिनी माता शक्तिपीठ,जालंधर, पंजाब
11- महामाया शक्तिपीठ, अमरनाथ के पहलगांव, कश्मीर
12- माता सावित्री का शक्तिपीठ, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
13- मां भद्रकाली देवीकूप मंदिर, कुरुक्षेत्र,हरियाणा
14- मणिबंध शक्तिपीठ, अजमेर के पुष्कर में
15- बिरात, मां अंबिका का शक्तिपीठ राजस्थान
16- अंबाजी मंदिर शक्तिपीठ- गुजरात
17- मां चंद्रभागा शक्तिपीठ, जूनागढ़, गुजरात
18- माता के भ्रामरी स्वरूप का शक्तिपीठ, महाराष्ट्र
19- माताबाढ़ी पर्वत शिखर शक्तिपीठ, त्रिपुरा
20- देवी कपालिनी का मंदिर, पूर्व मेदिनीपुर जिला, पश्चिम बंगाल
21- माता देवी कुमारी शक्तिपीठ, रत्नावली, बंगाल
22- माता विमला का शक्तिपीठ, मुर्शीदाबाद, बंगाल
23- भ्रामरी देवी शक्तिपीठ जलपाइगुड़ी, बंगाल
24- बहुला देवी शक्तिपीठ- वर्धमान, बंगाल
25- मंगल चंद्रिका माता शक्तिपीठ, वर्धमान, बंगाल
26- मां महिषमर्दिनी का शक्तिपीठ, वक्रेश्वर, पश्चिम बंगाल
27- नलहाटी शक्तिपीठ, बीरभूम, बंगाल
28- फुल्लारा देवी शक्तिपीठ, अट्टहास, पश्चिम बंगाल
29- नंदीपुर शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल
30- युगाधा शक्तिपीठ- वर्धमान, बंगाल
31- कलिका देवी शक्तिपीठ, बंगाल
32- कांची देवगर्भ शक्तिपीठ, कांची, पश्चिम बंगाल
33- भद्रकाली शक्तिपीठ, तमिलनाडु
34- शुचि शक्तिपीठ, कन्याकुमारी, तमिलनाडु
35- विमला देवी शक्तिपीठ, उत्कल, उड़ीसा
36- सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ, आंध्र प्रदेश
37- श्रीशैलम शक्तिपीठ, कुर्नूर, आंध्र प्रदेश
38- कर्नाट शक्तिपीठ, कर्नाटक
39- कामाख्या शक्तपीठ, गुवाहाटी, असम
40- मिथिला शक्तिपीठ, भारत नेपाल सीमा
41- चट्टल भवानी शक्तिपीठ, बांग्लादेश
42- सुगंधा शक्तिपीठ, बांग्लादेश
43- जयंती शक्तिपीठ, बांग्लादेश
44- श्रीशैल महालक्ष्मी, बांग्लादेश
45- यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ, बांग्लादेश
46- इन्द्राक्षी शक्तिपीठ, श्रीलंका
47- गुहेश्वरी शक्तिपीठ, नेपाल
48- आद्या शक्तिपीठ, नेपाल
49- दंतकाली शक्तिपीठ, नेपाल
50- मनसा शक्तिपीठ, तिब्बत
51- हिंगुला शक्तिपीठ, पाकिस्तान
52- दंतेश्वरी शक्तिपीठ, दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़
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