Kalki Avatar Katha: कलियुग के अंत में यूपी के इस गांव में जन्म लेंगे भगवान कल्कि, जानिए स्कंद पुराण की ये भविष्यवाणियां

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कल्कि पुराण के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सम्भल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर श्रीहरि विष्णु भगवान कल्कि रूप में जन्म लेंगे। इस दौरान उनके गुरु भगवान परशुराम होंगे।

धार्मिक पुराण में भविष्य के बारे में कई भविष्यवाणियां की गई हैं। ऐसे ही धार्मिक पुराण स्कंदपुराण के मुताबिक कलियुग के आखिरी में जब धरती पर पाप अपने चरम पर होगा, तो भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे। जब भगवान विष्णु धरती पर कल्कि अवतार में आएंगे, तो उस दौरान समय कलयुग और सतयुग के बीच का संधिकाल होगा। बताया जाता है कि भगवान कल्कि पूरी 64 कलाओं में माहिर होंगे।

कल्कि पुराण के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सम्भल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर श्रीहरि विष्णु भगवान कल्कि रूप में जन्म लेंगे। इस दौरान उनके गुरु भगवान परशुराम होंगे। बता दें कि परशुराम को भी भगवान श्रीहरि नारायण का अवतार माना जाता है और परशुराम को अमरता का वरदान प्राप्त है। भगवान परशुराम की सलाह पर कल्कि भगवान शिव की तपस्या पर उन्हें प्रसन्न करेंगे और दिव्य शक्तियां प्राप्त करेंगे। इन शक्तियों के माध्यम से भगवान कल्कि दुनिया से अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करेंगे।

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कैसा होगा कल्कि अवतार

स्कंद पुराण के दसवें अध्याय में इस बात का उल्लेख मिलता है कि सम्भल गांव में भगवान श्रीहरि विष्णु कल्कि रूप में जन्म लेंगे। वहीं अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में भगवान कल्कि के अवतार का चित्रण भी मिलता है। इस चित्रण के मुताबिक कल्कि अवतार भगवान राम से मिलता जुलता होगा। उनके हाथ में तीर-कमान होगा और वह घोड़े की सवारी करेंगे। कल्कि पुराण में इस बात का वर्ण मिलता है कि सफेद घोड़े पर सवार होकर और हाथ में चमचमाती तलवार लिए कल्कि भगवान धरती से पापियों का अंत करेंगे।

चार भाई होंगे कल्कि भगवान

कल्कि भगवान विष्णु के 10वें अवतार होंगे और बताया जाता है कि वह चार भाई होंगे। अपने चारों भाइयों के साथ मिलकर भगवान कल्कि धरती पर धर्म की स्थापना करेंगे। कल्कि के भाइयों के नाम सुमन्त, प्राज्ञ और कवि होगा। यह सभी भाई धर्म स्थापना में भगवान कल्कि की मदद करेंगे।

मां वैष्णों से करेंगे विवाह

इसके साथ ही धार्मिक ग्रंथ में भगवान कल्कि की पत्नी का भी उल्लेख मिलता है। बताया जाता है कि भगवान कल्कि मां लक्ष्मी के एक रूप 'पद्मा' से विवाह करेंगे। श्रीमद्भागवत पुराण के मुताबिक भगवान श्रीराम से विवाह करने के लिए मां वैष्णों देवी कई युगों से कठिन तपस्या कर रही हैं। ऐसे में भगवान विष्णु कल्कि रूप में मां वैष्णों देवी की तपस्या को पूर्ण कर उनसे विवाह करेंगे। कल्कि पुराण और स्कंद पुराण दोनों में ही इस बात का वर्णन मिलता है कि मां वैष्णों देवी राम अवतार के समय से ही तपस्या में लीन हैं।

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