Gajendra Moksha Stotram: गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करने से दूर होंगी सभी परेशानियां, जानें किस दिन करें पाठ
जो भी व्यक्ति विधिवत रूप से गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करता है, उसको जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं मिलता है। वहीं धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति इस स्त्रोत का पाठ करते हैं, उनको कर्ज से छुटकारा मिल जाता है।
किस दिन करें गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ
अगर आप गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ कर रहे हैं, तो इसका पाठ गुरुवार को करना चाहिए। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। वहीं जीवन में चलने वाली परेशानियों का भी अंत हो जाता है। गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करने से सभी को सर्वश्रेष्ठ और शीघ्र फलदायी माना जाता है। इसलिए इसका पाठ करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।
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वहीं एकादशी के दिन गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इसलिए कहा जाता है कि एकादशी के दिन गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करने से जातक मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
अगर आप सत्यनारायण भगवान की कथा कर रहे हैं, तो पूजा के बाद गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जातक पर भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति को सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करने का महत्व
गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करने से जातक को सभी समस्याओं से निजात मिल जाता है। बता दें कि गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत की कथा का वर्णन भागवतमहापुराण में मिलता है। इसमें गजेंद्र नामक हाथी जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति में लीन रहता था। एक बार जब वह जल में स्नान कर रहा था, तो एक मगरमच्छ ने उसको पकड़ दिया और हाथी के पास बाहर निकलने का कोई उपाय नहीं था। ऐसे में गजेंद्र हाथी अपनी पूरी शक्ति के साथ मगरमच्छ से जूझा, लेकिन उसको विजय नहीं मिल पाई।
तब गजेंद्र ने भगवान श्रीहरि विष्णु का आह्वान किया। जिसके बाद श्रीहरि विष्णु ने फौरन अपने चक्र से मगरमच्छ को मार डाला और गजेंद्र को मुक्त कर दिया। इसलिए माना जाता है कि गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन की समस्याओं और मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
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