रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय करें इस रक्षा मंत्र का उच्चारण, जान लें शुभ मुहूर्त

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रक्षाबंधन हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी दीर्घायु और खुशहाल ज़िंदगी की कामना करती हैं।बता दें कि इस बार रक्षाबंधन वाले दिन भद्राकाल नहीं है यानी इस दिन बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बाँध सकती हैं।

रक्षाबंधन के त्यौहार में अब कुछ ही दिन बाकी है। यह हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी दीर्घायु और खुशहाल ज़िंदगी की कामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षा बन्धन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार 22 अगस्त 2021 (रविवार) को मनाया जाएगा। इस त्यौहार को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, शिशुपाल के वध के समय की जब सुदर्शन चक्र से भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट गई थी तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का आंचल फाड़कर श्रीकृष्ण की अंगुली पर बाँधा था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि समय आने पर वह आंचल के एक-एक सूत का कर्ज उतारेंगे। द्रौपदी के चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने इसी वचन को निभाया। आपको बता दें कि इस बार रक्षाबंधन वाले दिन भद्राकाल नहीं है यानी इस दिन बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बाँध सकती हैं। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और राखी बाँधने का रक्षा मंत्र-

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शुभ मुहूर्त 

रक्षाबंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त– 22 अगस्त 2021 (रविवार) को सुबह 05:50 बजे से शाम 06:03 बजे तक।

रक्षा बंधन के लिए दोपहर का उत्तम मुहूर्त– 01:44 बजे से 04:23 बजे तक।

सावन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ– 21 अगस्त 2021 को शाम  07:00 बजे से

सावन पूर्णिमा तिथि समाप्त–22 अगस्त 2021 को शाम 05:31 बजे।

रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय– सुबह 06:15 बजे से शाम 05:31 बजे तक

रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त – दोपहर बाद 01:42 बजे से 04:18 बजे

रक्षा बंधन भद्रा पूँछ– 22 अगस्त को 02:19 बजे से 03:27 बजे

रक्षा बंधन भद्रा मुख– 22 अगस्त को तड़के 03:27 बजे से 05:19 बजे

रक्षा बंधन भद्रा अन्त समय– 22 अगस्त को सुबह 06:15 बजे से

रक्षाबंधन पर इस विधि से बाँधें राखी 

रक्षा बंधन के दिन सुबह भाई-बहन स्नान करके भगवान की पूजा करें। इसके बाद बहनें रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलाकर थाल सजाएं। इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उनकी पूजा करें और भाइयों के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से तिलक लगाएं। इसके बाद बहनें अपने भाई की दाईं कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बाँधें और मिठाई से भाई का मुंह मीठा करवाएं। राखी बंधवाने के बाद भाई, बहन को रक्षा का आशीर्वाद एवं उपहार व धन देते हैं। बहनें भी राखी बांधते समय भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन भाई अपनी बहनों की सदैव रक्षा करने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते समय उन्हें यह रक्षा मंत्र पढ़ना चाहिए, इसे पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। महाभारत में भी इस मंत्र का वर्णन किया गया है।

रक्षा मन्त्र:

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

- प्रिया मिश्रा 

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