मस्तिष्क की बढ़ती आयु को आसानी से रोक सकता है योग
अध्ययन के तहत 124 स्वस्थ एवं शारीरिक रूप से सक्रिय 20 एवं 50 की उम्र के पुरूषों का चयन कर उन्हें 20-29, 30-39 एवं 40-50 के तीन उम्र समूहों में बांटा गया था। प्रतिभागियों को तीन महीने के लिये हर रोज एक घंटा योगाभ्यास करना था।
नयी दिल्ली। नियमित रूप से योग करने से मस्तिष्क की आयु को बढ़ने से रोका जा सकता है और यह जवां बने रहने में आपकी मदद कर सकता है। डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड अलायड साइंसेज (डीआईपीएएस) के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह दावा किया है कि योग से दिल से संबंधित कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम के कारकों में परिवर्तन एवं पुरूषों में मस्तिष्क से उत्पन्न होने वाले न्यूरोट्रॉफिक कारकों द्वारा उत्पन्न उम्र संबंधी विकार को रोकने में सहायता मिल सकती है। डीआईपीएएस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है।
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अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार 20 से 30 की उम्र तक मस्तिष्क का विकास हो जाता है। इसके बाद मस्तिष्क का विकास थम जाता है और 40 की उम्र के बाद इसमें कमियां आने लगती हैं। रामेश्वर पाल, सोमनाथ सिंह, अभिरूप चटर्जी एवं मंटू साहा द्वारा किये अध्ययन के तहत 124 स्वस्थ एवं शारीरिक रूप से सक्रिय 20 एवं 50 की उम्र के पुरूषों का चयन कर उन्हें 20-29, 30-39 एवं 40-50 के तीन उम्र समूहों में बांटा गया था। प्रतिभागियों को तीन महीने के लिये हर रोज एक घंटा योगाभ्यास करना था। अध्ययन के नतीजों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि मस्तिष्क की आयु पर योग का सकारात्मक असर पड़ता है।
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