इस महिला किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि है ओक के पेड़ से प्यार, खुद को कहती है Ecosexual, जानें क्या है इसके मायने
कई इकोसेक्सुअल लोगों के लिए, यह सिर्फ कामुकता से कहीं अधिक है। यह पर्यावरणीय सक्रियता का एक सकारात्मक रूप है। अक्सर जलवायु परिवर्तन से जुड़े विनाश और निराशा के बजाय कुछ हल्के तरीके से पर्यावरण का जिक्र किया जाता है।
इस दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें पेड़ों को गले लगाना बेहद पसंद है। ऐसी ही एक महिला है ब्रिटिश कोलंबिया में वैंकूवर द्वीप पर रहने वाली सोनजा सेम्योनोवा, जो कि एक इंटिमेसी कोच है। उन्हें प्रकृति से बेहद अधिक प्यार है। इस प्यार को उन्होंने एक कदम आगे भी बढ़ाया है।
इस महिला ने ऐसी घोषणा की है जिसके बाद वह लगातार चर्चा में बनी हुई है। महिला के अनुसार वह अपने घर के पास एक ओक के पेड़ के साथ रिश्ते में है और उसे 2021 की गर्मियों में पेड़ के लिए 'कामुक' अनुभव होने लगे। महिला ने पेड़ के साथ अपने रिश्ते पर रोशनी भी डाली है। महिला ने कहा है कि वह इकोसेक्सुअल है, जो कामुकता का एक नया रूप है। इसमें व्यक्ति प्रकृति के प्रति प्रेम और आकर्षण का दावा करता है। महिला के इस दावे के बाद जरूरी है कि इकोसेक्सुअल होने के बारे में गहराई से जानकारी हासिल की जाए।
गौरतलब है कि दुनिया में विषमलैंगिक, अलैंगिक, उभयलिंगी, पैनसेक्सुअल और कई अन्य मौजूद हैं। उनमें से, इकोसेक्सुअल मूल रूप से एक नया प्रकार है। इकोसेक्सुअल होने को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है जो प्रकृति को रोमांटिक, कामुक और सेक्सी मानता है। एक इकोसेक्सुअल वह व्यक्ति भी हो सकता है जो पृथ्वी को अपने प्रेमी के रूप में कल्पना करता है। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो खुद को इकोसेक्सुअल कहते हैं ताकि पर्यावरणीय सक्रियता या मान्यताओं को इंगित कर सकें।
लास वेगास में नेवादा विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की पीएचडी छात्रा जेनिफर रीड का कहना है कि इकोस्क्सुअल शब्द 1990 के दशक के अंत में ऑनलाइन डेटिंग प्रोफाइल में दिखई देना शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में इस शब्द का उपयोग ये बताने कि लिए किया जाता था कि पृथ्वी की रक्षा करना इतना महत्वपूर्ण है कि वे एक ऐसा साथी चाहते हैं जो पर्यावरण की भी परवाह करता हो। हालांकि कई लोगों के लिए फिलाडेल्फिया की एक यौन शिक्षिका एनी स्प्रिंकल और उनकी साथी एलिज़ाबेथ (बेथ) स्टीफंस, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी), सांता क्रूज़ में एक कला प्रोफेसर, पारिस्थितिक कामुकता के अग्रदूत हैं।
इन सभी ने मिलकर लोगों और पृथ्वी के बीच विवाह संपन्न कराना शुरू कर दिया। 2011 में वे एक इकोसेक्स घोषणापत्र भी लेकर आए, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है: “हम पेड़ों को गले लगाते हैं, अपने पैरों से धरती की मालिश करते हैं, और पौधों से कामुक बातें करते हैं। हम सूर्य उपासक और तारा-दर्शक हैं। हम चट्टानों को सहलाते हैं, झरनों का आनंद लेते हैं, और पृथ्वी के घुमावों की प्रशंसा करते हैं। हम अपनी इंद्रियों के माध्यम से पृथ्वी से प्रेम करते हैं।
कई इकोसेक्सुअल लोगों के लिए, यह सिर्फ कामुकता से कहीं अधिक है। यह पर्यावरणीय सक्रियता का एक सकारात्मक रूप है। अक्सर जलवायु परिवर्तन से जुड़े विनाश और निराशा के बजाय कुछ हल्के तरीके से पर्यावरण का जिक्र किया जाता है। अमेरिकी दैनिक को दिए एक साक्षात्कार में, एलिज़ाबेथ (बेथ) स्टीफंस ने कहा कि पर्यावरण से जुड़ी बहुत सी चीजें बहुत विनाशकारी हैं, जो समझ में आता है, लेकिन यह लोगों को भी बंद कर देता है। पर्यावरणविदों के रूप में हमने महसूस किया कि हमें लोगों के पृथ्वी को देखने के तरीके को बदलने की ज़रूरत है।
कई लोग पारिस्थितिकता को एक आंदोलन के रूप में स्वीकार करते हैं, कुछ अन्य इसे एक यौन शब्द के रूप में पहचानते हैं। कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि यह आंदोलन LGBTQ+ समुदाय के लोगों के लिए अपमानजनक है क्योंकि यह वास्तविक कामुकता से अधिक एक सक्रिय आंदोलन है।
जानें सोनजा सेम्योनोवा के ओक पेड़ को लेकर प्रेम के बारे में
सेम्योनोवा के लिए उसकी बहिर्लैंगिकता ओक के पेड़ के प्रति उसके प्रेम से आई है। इस संबंध में 45 वर्षीय सेम्योनोवा ने कहा कि वह ओक के पेड़ के साथ जो भावनाएं अनुभव करती है। ओक का पेड़ वही है जो वह हमेशा एक इंसान में चाहती थी। जैसे आम व्यक्ति को उसका सोल मेट मिलता है वैसे ही सेम्योनोवा को उसका सोलमेट ओक के पेड़ में मिला है। हालांकि ये सवाल भी उठता है कि इसी ओक के पेड़ को क्यों उसने सोलमेट माना है। इसे लेकर महिला का कहना है कि 2020 की सर्दियों में कोविड लॉकडाउन के बीच वह रोजाना सैर पर जाती थीं। सड़क पर वह गई वह पेड़ों से घिरी हुई थी, लेकिन उन सभी में एक बड़े ओक ने उसका ध्यान खींचा और अगली गर्मियों में उसे "कामुक" अनुभव होने लगे। उन्होंने कहा कि मैं सप्ताह में पांच दिन ओक के पेड़ के पास टहलती रही और इसी बीच पेड़ के साथ एक संबंध भी बना।
उन्होंने आगे कहा कि मैं इसके खिलाफ झूठ बोलूंगी। एक कामुकता थी जिसमें इतनी बड़ी और इतनी पुरानी चीज़ मेरी पीठ पकड़ रही थी। उन्होंने कहा कि एक इंसान का गैर इंसान से प्रेम संबंध होना अजीब लगता है मगर वो इसके लिए तैयार है। पेड़ के साथ जो मौजूदगी मुझे महसूस होती है उसकी ही वर्षों से मुझे तलाश थी। मगर ये तलाश किसी व्यक्ति पर नहीं बल्कि एक पेड़ पर खत्म हुई है। मुझमें किसी नए साथी से मिलने का कोई उत्साह पैदा नहीं हुआ खासतौर से पेड़ से मिलने के बाद। इंटिमेसी कोच ने यह भी बताया है कि वह पेड़ के साथ किसी भी तरह की यौन गतिविधि में शामिल नहीं होती है।
बता दें कि अधिकतर लोगों में ये गलतफहमी है कि इकोसेक्सुअलिटी का मतलब लोगों और प्रकृति के बीच सेक्स है मगर असल में यह कामुकता का पता लगाने का एक अलग तरीका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खासतौर से मौसम बदलते हुए देखना मेरे लिए कामुक कृत्य होता है। उन्होंने कहा कि शीत ऋतु के दौरान मृत्यु का दौर होता है और वसंत ऋतु में सब फिर से जीवित हो जाता है। महिला का कहना है कि हर कोई इकोसेक्सुअल है और अगर हर व्यक्ति इस भावना को अपना ले तो यह पृथ्वी रहने के लिए एक बेहतर जगह बन जाएगी।
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