कोहरे की चादर में छिपा है पूरा उत्तर भारत, ट्रेन-फ्लाइट पर असर, जानें कैसे बनता है कोहरा, जिसकी वजह से हो रही है इतनी परेशानी

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रितिका कमठान । Dec 29 2023 5:07PM

आसपास हवा होती है जो दिखाई नहीं बल्कि महसूस होती है। हवा में ही पानी के छोटे छोटे कण होते हैं जो नमी कही जाती है। धरती के सतह के पास की हवा गर्म और ऊपर की हवा सर्द होती है। वहीं सर्दियों के दौरान सतह की नमी युक्त गर्म हवा ऊपर की ठंडी हवा की परतों से मिलती है।

वर्ष 2023 का अंतिम सप्ताह जारी है। इस सप्ताह भर में पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। कोहरे की चादर इतनी मोटी बनी हुई है कि हर तरफ त्राहि मची हुई है। कोहरे ने हर तरफ कहर ढ़ाया हुआ है। उत्तर भारत में इतना घना कोहरा छाया हुआ है कि व्यक्ति घने कोहरे में घर से बाहर निकलने से पहले 100 बार सोचे। कोहरे के कारण ना सिर्फ ठंड बढ़ी है बल्कि दृश्यता में बेहद कमी देखने को मिली है। इसके साथ ही एक्सीडेंट की खबरों में भी रोजाना इजाफा देखने को मिल रहा है। ठंड में घने कोहरे के कारण कई एक्सप्रेसवे और हाईवे पर गाड़ियों की टक्कर होकर एक्सीडेंट होने की खबरें लगातार आ रही है। 

कोहरे के कारण एक गाड़ियों का आपस में टकराना काफी आम हो गया है। कोहरे के कारण ही फ्लाइट में देरी होना और ट्रेन की सेवाएं भी देरी से चलना काफी आम हो गया है। कोहरे के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ये जानना जरुरी है कि दरअसल कोहरा क्या है और ये ठंड में ही क्यों पड़ता है, जिसकी वजह से आम जनता का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। क्या कोहरा बादल होते हैं जो आसमान से जमीन पर उतर आता है। 

जानें क्या है कोहरा

हमारे आसपास हवा होती है जो दिखाई नहीं बल्कि महसूस होती है। हवा में ही पानी के छोटे छोटे कण होते हैं जो नमी कही जाती है। धरती के सतह के पास की हवा गर्म और ऊपर की हवा सर्द होती है। वहीं सर्दियों के दौरान सतह की नमी युक्त गर्म हवा ऊपर की ठंडी हवा की परतों से मिलती है। गर्म और ठंडी हवा मिलकर जम जाती है, जिसे सघनन (कंडेंसेशन) प्रक्रिया कहा जाता है। जब वाष्प अपने से गर्म सतह से टकराता है तो उसकी कुछ ऊर्जा सतह में पड़ जाती है क्योंकि जब गैस के पास इस स्थिति में रहने के लिए अनुकूल तापमान नहीं रहता है तो वो लिक्विड यानी तरल रूप में आती है। वहीं जब बड़े और अधिक स्तर पर कंडेंसेशन या सघनन होता है तब हवा भारी हो जाती है। इस स्थिति में हवा पानी की छोटी बूंदों में तब्दील होती है। इस कारण आसपास की हवा भी बादल में बदल जाती है, जो मूल रूप से कोहरा कहलाता है। यानी कोहरा वहा में छोटे जलबिंदुओं से मिलकर बनता है। 

जानें ठंड के मौसम में ही क्यों पड़ता है कोहरा

दरअसल ठंड के मौसम में वातावरण का तापमान काफी कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में पानी का जमना काफी आसान होता है। आमतौर पर कोहरा होने पर तापमान माइल्ड बना रहता है। आमतौर पर कोहरा होने के नुकसान तो कई सामने आते हैं मगर इसके कई फायदे भी होते हैं जिसके बार में अधिक जानकारी लोगों को नहीं होती है।

जानें क्या है धुंध

कोहरा आम भाषा में जमी हुई पानी की बूंदे हैं जो हवा में पहले से ही मौजूद होती है। इस दौरान तापमान भी माइल्ड रहता है। वहीं धुंध कोहरा का ही अलगा पड़ाव होता है। यानी अत्यधिक कोहरा धुंध कहलाता है, जिसे अंग्रेजी में मिस्ट कहा जाता है। कोहरे की अपेक्षा धुंध अधिक सघन होती है, जिसमें अधिक पानी की मात्रा होती है। धुंध में कुछ भी दिखना अधिक कठिन होता है, जैसा अमूमन दिल्ली और आसपास के इलाकों में हाल देखने को मिलता है। 

जानें स्मॉग के भी बारे में

सबसे अधिक स्मॉग दिल्ली और आसपास के इलाकों में देखने को मिलता है। स्मॉग दो शब्दों से मिलकर बना है, स्मोक और फॉग। ये कोहरे और धुंएं के मिश्रण से बनता है, जो कि स्मॉग कहलाता है। 

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