TIME पत्रिका की सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में आया इन भारतीयों का नाम, देखकर होगा गर्व

ashwini vaishnav
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अश्विनी वैष्णव, नंदन नीलेकणि और अनिल कपूर उन चुनिंदा भारतीयों में शामिल हैं जिन्होंने टाइम मैगजीन की प्रतिष्ठित एआई 2024 में जगह बनाई है। ये लोग टाइम मैगजीन की प्रतिष्ठित एआई 2024 में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल हैं।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और अभिनेता अनिल कपूर। इन तीनों में एक खासियत है। तीनों ही भारतीय हैं और अपने अपने फील्ड में झंडे गाड़ चुके है। इसके साथ ही एक बार फिर तीनों का नाम एक साथ चर्चा में बना हुआ है जिसके पीछे खास कारण भी है।

दरअसल अश्विनी वैष्णव, नंदन नीलेकणि और अनिल कपूर उन चुनिंदा भारतीयों में शामिल हैं जिन्होंने टाइम मैगजीन की प्रतिष्ठित एआई 2024 में जगह बनाई है। ये लोग टाइम मैगजीन की प्रतिष्ठित एआई 2024 में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल हैं।

टाइम मैगजीन की ये सूची गुरुवार को ही जारी की गई है। इस लिस्ट में भारत या भारतीय मूल के कुल 15 लोगों ने जगह बनाई है। जानकारी के मुताबिक इस सूची में गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला का नाम भी शामिल है। इस बार टाइम की सूची में अश्विनी वैष्णव का भी नाम है। मैग्जीन में अश्विनी वैष्णव के संदर्भ में काफी कुछ कहा भी गया है। उनके लिए कहा गया कि वैष्णव के नेतृत्व में आगामी पांच वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए शीर्ष पांच देशों में शामिल होने की क्षमता रखता है। गौरतलब है कि सेमीकंडक्टर निर्माण मॉडर्न एआई प्रणालियों के लिए एक प्रमुख घटक है। 

मैग्जीन के मुताबिक इन महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अश्विनी वैष्णव को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके अलावा इस लिस्ट में भारतीय बॉलीवुड इंडस्ट्री के अभिनेता 67 वर्षीय अनिल कपूर का नाम भी शामिल है। अनिल कपूर को सितंबर 2023 में उनकी तस्वीर के अनधिकृत एआई उपयोग पर एक ऐतिहासिक जीत के बाद शामिल किया गया। 

अभिनेता ने बड़ी संख्या में विक्षिप्त वीडियो, जीआईएफ और इमोजी के ऑनलाइन प्रसारित होने के बाद यह मामला उठाया। नीलेकणी (69 वर्ष) इंफोसिस के सह-संस्थापक और एकस्टेप के सह-संस्थापक और चेयरमैन हैं। पत्रिका ने उनके बारे में लिखा, इंफोसिस के अरबपति सह-संस्थापक नीलेकणी ने दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने में पंद्रह साल सरकार के भीतर और बाहर काम किया है, जिस वजह से उन्हें भारत के बिल गेट्स जैसे उपनाम मिले हैं। 

पत्रिका ने आगे कहा कि नीलेकणी ने भारत के आधार कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक पहचान पत्र कार्यक्रम है। टाइम के प्रधान संपादक सैम जैकब्स ने कहा कि अगर 2023 में ओपनएआई, एंथ्रोपिक और उनके स्टार्टअप लैब जैसे प्रतिस्पर्धियों के उभरने से एआई की दुनिया पर दबदबा था, तो इस साल हमने कुछ तकनीकी दिग्गजों के बड़े प्रभाव को देखा है। सूची में 40 सीईओ, संस्थापक और सह-संस्थापक शामिल हैं, जिनमें मेटा के मार्क जुकरबर्ग, गूगल के पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के नडेला और पेरप्लेक्सिटी के अरविंद श्रीनिवास शामिल हैं। एआई नाउ इंस्टीट्यूट की सह-कार्यकारी निदेशक अंबा काक, यूएस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी की निदेशक आरती प्रभाकर और कलेक्टिव इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट की सह-संस्थापक दिव्या सिद्धार्थ सूची की प्रमुख महिलाओं में शामिल हैं। सूची में एआई के अन्य भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्तियों में अमेजन के प्रमुख वैज्ञानिक रोहित प्रसाद और एब्रिज के सह-संस्थापक और सीईओ शिव राव शामिल हैं।

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