जर्मन की पूर्व चांसलर Angela Merkel, जिन्होंने इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराया अपना नाम, आज ही के दिन संभाली थी गद्दी
इस बार में कोई दो राय नहीं है कि जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल 16 साल सत्ता में रहने के बाद एक नारीवादी प्रतीक बन गई हैं। इसी दिन वो जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी थी और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया था।
इतिहास के पन्नों में काफी कम ही महिलाएं अपना नाम दर्ज करवा सकी है। ऐसी ही एक महिला है एंजेला मर्केल, जो जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी थीं। उन्होंने अपना पद 22 नवंबर 2005 को संभाला था। इस बार में कोई दो राय नहीं है कि जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल 16 साल सत्ता में रहने के बाद एक नारीवादी प्रतीक बन गई हैं।
इसी दिन वो जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी थी और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया था। एंजेला ने अपने कार्यकाल के दौरान विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की थी।
बता दें कि एंजेला कम्युनिस्ट विचारधारा वाले जर्मनी में पली बढ़ी थी। उन्होंने क्वांटम रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट डिग्री हासिल की है। गौरतलब है कि जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल दुनिया के चुनिंदा नेताओं में शामलि हैं जो उच्च शिक्षा हासिल कर चुकी है। वर्ष 1989 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था। इससे पहले एंजेला ने एक भौतिक रसायनज्ञ के रूप में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
कार्यकाल के दौरान किया कई चुनौतियों का सामना
एंजेला के लिए ये सफर काफी कठिन रहा था। उनके लिए इस कार्यकाल के दौरान कई समस्याएं और परेशानियां सामने आई, जिनका उन्होंने मजबूती के साथ सामना किया। एंजेला ने अपने कार्यकाल में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों, चार फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, पांच ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और आठ इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया था। इस दौरान उन्हें चार बड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। इसमें वैश्विक वित्तीय संकट, यूरोपीय ऋण संकट, 2015-16 में यूरोप में शरणार्थियों की आमद और कोविड-19 महामारी जैसी प्रमुख चुनौतियां शामिल है। इस चुनौतियां का सामना करने के दौरान उनके नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन हुआ और जिसने उन्हें यूरोपीय संघ में सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में जगह दिलाई।
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