AI Tool Bhashini| भाषिणी टूल के जरिए PM Modi ने तमिल में किया जनता से संवाद, भाषण में पहली बार हुआ AI का उपयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल भाषा के जानकारों से वार्तालाप करने के लिए एआई टूल भाषिणी का इस्तेमाल किया था। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सांस्कृतिक उत्सव काशी तमिल संगमम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का हिंदी से तमिल में अनुवाद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 17 दिसंबर को वाराणसी में गंगा किनारे नमो घाट पर काशी तमिल संगमम का शुभारंभ किया है। इश दौरान उन्होंने तमिल की जनता से अनुरोध किया था कि वो ईयरफोन लगाए, जो वहां मौजूद लोगों के लिए बेहद अनोखी बात थी। इसके बाद उन्होंने कहा हर हर महादेव, वणक्कम् काशी। वणक्कम् तमिलनाडु। जो लोग तमिलनाडु से आए हैं, मैं उनसे पहली बार एआई तकीनक के उपयोग के दौरान ईयरफोन लगाने का अनुरोध करता हूं। सिर्फ एक बार अनुरोध कर ही वो नहीं रुके, उन्होंने जनता से फिर से पूछा भी और तसल्ली की कि एआई ठीक से काम कर रहा है।
जानें क्या है भाषिणी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल भाषा के जानकारों से वार्तालाप करने के लिए एआई टूल भाषिणी का इस्तेमाल किया था। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सांस्कृतिक उत्सव काशी तमिल संगमम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का हिंदी से तमिल में अनुवाद किया। ये ऐसा टूल है जिसकी मदद से देश के लोग हिंदी भाषा ठीक से नहीं बोल या समझ सकते हैं, उन तक उनकी भाषा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात पहुंची थी। आइए जानते हैं कि असल में ये टूल कैसे काम करता है।
भाषिणी एक एआई टूल है, जो अलग अलग भारतीय भाषाओं को समझने, बोलने और सुनने का अहम जरिया है। इस टूल के जरिए लैंग्वेज ट्रांसलेशन सिस्टम पर काम किया जाता है। ये ऐसा टूल है जिससे अलग अलग भारतीय भाषाओं के साथ ट्रांसलेशन करने में मदद मिलती है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में गुजरात में डिजिटल इंडिया सप्ताह के दौरान ही डिजिटल इंडिया भाषिणी को पेश किया था। इसके जरिए सभी भारतीयों तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाया गया था।
बता दें कि भाषिणी ऐसा टूल है जो पूरे भारत में हर नागरिक तक इंटरनेट की पहुंच को बेहद आसान बनाने में उपयोग लाया जा रहा है। इसके उपयोग से अलग अलग भाषाओं में डिजिटल सर्विस को आसान बनाने का काम भी किया जा रहा है।
ऐसे कर सकते हैं इस टूक का उपयोग
इस टूल के उपयोग की बात करें तो इसका इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे किसी भी एंडरॉयड या आईओएस फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के जरिए भाषा दान भी किया जा सकता है यानी यूजर अपना भी योगदान दे सकते है। इस प्लेटफॉर्म पर अलग अलग भाषाओं से संबंधित इनपुट एकत्र किए जा सकते है। इन इनपुट के साथ बड़ा डेटाबेस तैयार होता है, जिसका उपयोग करने के लिए एआई को ट्रेनिंग मिलती है। बता दें कि इस ऐप को चार तरह से उपयोग किया जा सकता है, यानी सुनकर, बोलकर, लिखकर और देखकर।
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