धर्मशाला में घूमने ही नहीं, शॉपिंग के लिए भी है बहुत कुछ
धर्मशाला शहर को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक− निचला धर्मशाला, जहां कोतवाली बाजार स्थित है तथा दूसरा− ऊपरी धर्मशाला, जिसे मैक्लोडगंज के नाम से जाना जाता है।
धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी का प्रमुख पर्यटन स्थल है। धर्मशाला के एक ओर जहां धौलाधार पर्वत श्रृंखला है वहीं दूसरी ओर उपजाऊ घाटी व शिवालिक पर्वतमाला है। यहां दलाई लामा का स्थायी निवास और तिब्बत की निर्वाचित सरकार का मुख्यालय स्थापित होने से यह स्थल विश्व पर्यटन मानचित्र पर उभर कर आ गया है।
धर्मशाला शहर को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक− निचला धर्मशाला, जहां कोतवाली बाजार स्थित है तथा दूसरा− ऊपरी धर्मशाला, जिसे मैक्लोडगंज के नाम से जाना जाता है। धर्मशाला देवदार के वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र है। यहां की जलवायु, मनभावन वातावरण एवं नैसर्गिक सौंदर्य पर्यटकों के मन में अपनी गहरी छाप छोड़ देता है। बर्फ से सदा ढकी रहने वाली धौलादार की चोटियां एवं चंबा की खूबसूरत पर्वतमालाएं धर्मशाला से साफ दिखती हैं। धर्मशाला में धूप, हिमपात व इंद्रधनुष के एक साथ दर्शन किये जा सकते हैं।
मैक्लोडगंज तिब्बती बस्तियों के कारण छोटा ल्हासा के नाम से भी जाना जाता है। यहां तिब्बती कलात्मक वस्तुएं बेची जाती हैं। इस बाजार में कई तिब्बती रेस्तरां भी हैं, जहां परम्परागत तिब्बती व्यंजन खाने को मिलते हैं। मैक्लोडगंज में एक वृहद प्रार्थना चक्र है। यहां तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा का निवास तथा निर्वासित सरकार का मुख्यालय भी है। ट्रैकिंग में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यहां गाइड भी उपलब्ध हैं।
भगसूनाथ डल झील के समीप स्थित है। यहां भगसूनाथ का मंदिर है। धर्मशाला से यह स्थान लगभग 11 किलोमीटर दूर है। सेंट जान चर्च भी देखने योग्य जगह है। धर्मशाला−मैकलोडगंज मार्ग के बीच में स्थित यह चर्च पत्थरों से बनी हुई है तथा इसे लार्ड एल्यिन की याद में बनाया गया है। हरे−भरे वृक्षों से आच्छादित इस चर्च की रंगीन कांच की खिड़कियां पर्यटकों का मन मोह लेती हैं।
त्रियूंड एक आकर्षक पिकनिक स्थल है। आप यहां से आकाश छूते धौलादार पर्वत का दीदार कर सकते हैं। यह स्थान धौलादार पर्वतारोहण का आधार भी है, जो धर्मशाला से दस किलोमीटर दूर है। कोतवाली बाजार से तीन किलोमीटर दूर स्थित कुनाल पथरी देवी मंदिर स्थानीय पत्थरों से निर्मित है। यहां के पत्थरों पर बहुत ही कलात्मक चित्रकारी की गई है।
धर्मशाला से 11 किलोमीटर दूर डल झील भी एक सुंदर पिकनिक स्थल है। फर के पेड़ों से घिरी यह झील प्रकृति प्रेमियों को अविस्मरणीय आनंद प्रदान करती है। हर वर्ष सितंबर माह में यहां एक मेले का भी आयोजन किया जाता है। धर्मशाला से 25 किलोमीटर दूर स्थित मछरियाल जगह भी देखने योग्य है। इस जगह की खास बात यह है कि यह अपने झरने तथा गर्म पानी के चश्मे के लिए प्रसिद्ध है।
करेरी भी एक लुभावना पिकनिक स्थल है। समुद्र तल से 3,250 मीटर ऊंचाई पर स्थित करेरी झील तथा इसके आसपास फैली मखमली चारगाहें एक अनूठा आनंद प्रदान करती हैं। यह स्थान धर्मशाला से 22 किलोमीटर दूर है। आप धर्मशाला आए हैं तो धर्मकोट भी अवश्य जाएं। यहां पर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यहां से कांगड़ा घाटी सहित धौलाधार की पर्वत श्रृंखलाएं साफ दिखती हैं।
धर्मशाला का निकटवर्ती रेलवे स्टेशन कांगड़ा है जोकि धर्मशाला से 18 किलोमीटर दूर है। धर्मशाला भारत के प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। यहां के लिए चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, शिमला, मनाली व पठानकोट से सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
प्रीटी
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