जाना चाहते हैं वैष्णो देवी मंदिर तो जान लें नए नियम
श्रद्धालुओं को कटरा पहुंचने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य करने की भी तैयारी चल रही है। अगर आपने कटरा पहुंचने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवाया तो आपको दर्शन करने नहीं दिया जाएगा।
माता वैष्णो देवी के दुनिया भर मे लाखों करोड़ो भक्त मौजूद हैं, जो माता के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से आते हैं। परंतु कोरोना महामारी की वजह से जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा मंदिर काफी समय से श्रद्धालुओं के लिए बंद है। इन दिनों जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है देशभर में धार्मिक स्थान खुलने लगे हैं, लेकिन माता वैष्णो देवी मंदिर अभी भी जनता के लिए बंद है। अब खबर यह है कि प्रशासन और माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड मंदिर को फिर से दर्शन के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए प्रशासन ने श्राइन बोर्ड को एक निधार्रित एसओपी भी तैयार करने को कहा है जिसको सभी श्रद्धालु और मंदिर परिसर में मौजूद सभी को उसका पालन करना होगा।
जम्मू-कश्मीर में स्थित श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारीयों ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर में सार्वजनिक दर्शन के प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के तहत एक एसओपी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड एक दिन में सिर्फ 5000 से 7000 भक्तों को दर्शन की अनुमति देने के प्लान पर विचार कर रहा है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को कटरा पहुंचने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य करने की भी तैयारी चल रही है। अगर आपने कटरा पहुंचने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवाया तो आपको दर्शन करने नहीं दिया जाएगा।
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श्री माता वैष्णो देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने एक वेबसाइट से बात करते हुए बताया है कि 500 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि लोगों को माता के दर्शन करने से रोका गया है। देश पर आए किसी भी संकट में यहां तक की भारत और पाकिस्तान की लड़ाई के दौरान भी श्री माता वैष्णो देवी मंदिर कभी बंद नहीं हुआ था लेकिन कोरोना महामारी के कारण संक्रमण से बचने के लिए ऐसा हुआ है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो कोरोना महामारी माता के दरबार तक पहुंच सकती थी जिसकी वजह से हज़ारों लोगों को अपनी ज़िंदगी से हाथ धोना पड़ता।
श्री माता वैष्णो देवी मंदिर श्राइन बोर्ड ने मंदिर में पुजारियों को सख्त हिदायत दी है कि मंदिर के अंदर, कोई भी पुजारी भक्तों के माथे पर तिलक नहीं लगाएगा। और एमएचए की गाइडलाइंस के अनुसार 3 वर्ष से छोटे बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ट नागरिकों को यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। कोरोना संदिग्धों को स्वास्थ्य जांच से गुज़रना होगा। खबर यह भी है कि धर्मस्थल के विभिन्न स्थानों पर माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अपने कर्मियों को तैनात करना शुरू कर दिया है। इसे देखते हुए यात्रा जल्द शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
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प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग कटरा में एंट्री पॉइंट पर ही करने की तैयारी चल रही है। और साथ ही श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले वैध कोविड-19 टेस्ट सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है। सभी तीर्थयात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह सोशल डिस्टन्सिंग फ्लोर मार्किंग भी की जाएगी और श्रद्धालुओं को छोटे समूहों में बांट कर यात्रा पर भेजा जाएगा। और पूरी यात्रा और दर्शन के दौरन मास्क पहनना अनिवार्य होगा। श्राइन बोर्ड यात्रा मार्ग में जगह-जगह हैंड सैनिटाइजर, साबुन और पानी रखने की भी प्लानिंग कर रहा है। जिससे श्रद्धालु समय-समय पर हाथों को धो और सैनिटाइज कर सकेंगे ताकि कोरोना महामारी का असर न हो।
- शैव्या शुक्ला
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