चीन के खिलाफ लिया गया बड़ा फैसला, WTA ने सभी टेनिस टूर्नामेंट सस्पेंड किए
उल्लेखनीय है कि, नवंबर की शुरूआत में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करने के लगभग तीन हफ्ते बाद टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई सार्वजनिक तौर पर नजर आई थी। इस दौरान उनके लापता होने की खबर अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया था।
चीन की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) ने चीन के खिलाफ एक बड़ा फैसला सुना दिया है। कई खिलाड़ियों की सुरक्षा की चिंता को देखते हुए संघ ने चीन में होने वाले सभी टूर्नामेंटों को तत्काल स्थगित कर दिया है। इस फैसले का टेनिस जगत की कई प्रमुख हस्तियों ने सराहना की है। इस फैसले के बाद WTA को स्पॉन्सरशिप और ब्रॉडकास्टिंग के लिए सैकड़ों मिलियन डॉलर खर्च करने पड़ सकते है।
"With the full support of the WTA Board of Directors, I am announcing the immediate suspension of all WTA tournaments in China, including Hong Kong."
— wta (@WTA) December 1, 2021
टेनिस खिलाड़ी पेंग ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप
उल्लेखनीय है कि, नवंबर की शुरूआत में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करने के लगभग तीन हफ्ते बाद टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई सार्वजनिक तौर पर नजर आई थी। इस दौरान उनके लापता होने की खबर अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया था। बता दें कि, टेनिस खिलाड़ी पेंग ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कहा था कि वह उन्हें यौन संबंध बनाने के लिए उकसा रहे है। उन्होंने यह आरोप चीन के सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था जिसके बाद चीनी सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई थी बल्कि उसके अगले ही दिन इस विषय से संबधित सभी न्यूज और पोस्ट डीलिट कर दिए गए थे और इस पर कोई भी चर्चा करने पर रोक लगा दी गई।
WTA का बयान
डब्ल्यूटीए के मुख्य कार्यकारी स्टीव साइमन ने एक बयान में कहा कि, मैं अपने एथलीटों को चीन में प्रतिस्पर्धा करने नहीं भेज सकता हूं क्योंकि जब पेंग शुआई को स्वतंत्र रूप से संवाद करने की अनुमति नहीं है। उसपर यौन उत्पीड़न के आरोप का खंडन करने के लिए दबाव डाला गया है। मैं उन जोखिमों से चिंतित हूं और ऐसे में हमारे खिलाड़ियो और स्टाफ को भी इसका सामना करना पड़ सकता है अगर हम साल 2022 में चीन में टूर्नामेंट आयोजित करते हैं तो। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं आई है। मंत्रालय ने पिछले महीने के अंत में साफ कहा था कि कुछ लोग पेंग के मुद्दे से दुर्भावनापूर्ण प्रचार और राजनीतिकरण कर रहे है। WTA ने यह फैसला तब लिया है जब चीन अगले साल फरवरी में ओलपिंक की मेजबानी करने की तैयारी में जुटा हुआ है। विश्व अधिकार समूहों और अन्य ने तीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर बिजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का आह्रान किया है।
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तीन हफ्ते बाद सावर्जनिक तौर पर आई थी नजर पेंग शुआई
आपको बता दें कि, पेंग नवंबर में अपने दोस्तों के साथ डिनर और बिजिंग में बच्चों के टेनिस टूर्नामेंट मे सार्वजनि तौर पर पहला बार नजर आई थी। चीनी राज्य मीडिया द्वारा पेंग की तस्वीरें और वीडियो और टूर्नामेंट की भी तस्वीरें दिखाया गया था। इसके अलावा 21 नवंबर को आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाख ने पेंग के साथ 30 मिनट की वीडियो कॉल की थी, उसमें खिलाड़ी ने साफ कहा था कि वह सुरक्षित है। लेकिन साइमन उस वीडियो कॉल से बिल्कुल भी आश्वस्त नहीं हुए थे क्योंकि उन्हें लग रहा था कि पेंग के साथ सब ठीक नहीं है। उन्होंने संदेह जताते हुए कहा था कि, पेंग बिल्कुल भी स्वतंत्र नहीं है और उन्हें सेंसरशिप , जबरदस्ती और धमकी के अंदर रखा गया है।
टेनिस खिलाड़ियो नें की तारीफ
बता दें कि WTA के इस बड़े फैसले का कई दिग्गज टेनिस खिलाड़ियों ने तारीफ की है। महान टेनिस खिलाड़ी और डब्ल्यूटीए के संस्थापक बिली जीन किंग ने इस घोषणा की सराहना की और कहा कि, डब्ल्यूटीए ने हमारे खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा की है। वहीं मार्टिना नवरातिलोवा ने भी इस फैसले का समर्थन किया। दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने भी इस कदम का समर्थन किया। मैड्रिड में डेविस कप मुकाबले के बाद सर्बियाई ने कहा, "मैं पूरी तरह से डब्ल्यूटीए के रुख का समर्थन करता हूं क्योंकि हमारे पास शुआई पेंग और उनकी भलाई के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।"यह एक टेनिस खिलाड़ी का जीवन है जो यहां सवालों के घेरे में है, इसलिए हमें, टेनिस समुदाय के रूप में, एक साथ खड़े होने की जरूरत है।
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