वोक्स और प्लंकेट की घातक गेंदबाजी, इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को 241 रन पर रोका
न्यूजीलैंड की तरफ से हेनरी निकोल्स ने 55 और टॉम लैथम ने 47 रन बनाये। इंग्लैंडके लिये क्रिस वोक्स और लियाम प्लंकेट ने तीन तीन विकेट लिये।
लंदन। क्रिस वोक्स और लियाम प्लंकेट की घातक गेंदबाजी से इंग्लैंड ने विश्व कप फाइनल में रविवार को यहां न्यूजीलैंड की केन विलियमसन पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता का खुलासा करके उसकी टीम को आठ विकेट पर 241 रन ही बनाने दिये। पिच से शुरू से लेकर आखिर तक मूवमेंट मिल रहा था और गेंदबाजों ने इसका पूरा फायदा उठाया। वोक्स ने 37 रन देकर तीन विकेट हासिल किये। प्लंकेट ने बीच के ओवरों में गेंद थामी तथा 42 रन देकर तीन विकेट लिये। जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड ने एक एक विकेट लिया। इंग्लैंड ने डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी तथा अंतिम दस ओवर में केवल 62 रन दिये। न्यूजीलैंड के लिये हेनरी निकोल्स (77 गेंदों पर 55) और विलिमयसन (53 गेंदों पर 30) ने दूसरे विकेट के लिये 74 रन जोड़े। कप्तान विलिमयसन के आउट होते ही टीम लड़खड़ा गयी। उसके बाकी बल्लेबाजों ने भी अच्छी शुरुआत की लेकिन केवल टॉम लैथम (56 गेंदों पर 47) ही 20 रन की संख्या पार कर पाये। परिस्थितियों को देखते हुए इंग्लैंड के लिये लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं है क्योंकि पिच से अब भी गेंदबाजों को मदद मिल रही है।
New Zealand finish on 241/8 - two more than they made against India in the semi-final!
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) July 14, 2019
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बादल छाये थे लेकिन विलियमसन ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पिच पर घास भी जिससे शुरू में तेज गेंदबाजों को मदद मिलती लेकिन न्यूजीलैंड ने मार्टिन गुप्टिल की एक और नाकामी के बाद बेहद सतर्क बल्लेबाजी की। कीवी टीम की रणनीति भारत के खिलाफ सेमीफाइनल की तरह शुरुआती ओवरों में विकेट बचाये रखकर बाद में तेजी से रन जुटाने की थी। निकोल्स ने तब खाता भी नहीं खोला था जब उन्हें कुमार धर्मसेना ने पगबाधा आउट दे दिया था लेकिन रीप्ले से पता चला कि गेंद विकेट के ऊपर से जा रही थी। गुप्टिल ने जोफ्रा आर्चर पर अपर कट से छक्का लगाया लेकिन जब वह 19 रन पर थे तब वोक्स ने उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। गुप्टिल ने डीआरएस लेकर न्यूजीलैंड का ‘रिव्यू’ भी गंवा दिया। विलियमसन ने बेहद सतर्कता बरती। उन्होंने 12वीं गेंद पर अपना खाता खोला। इससे वह किसी एक विश्व कप में सर्वाधिक रन (578) बनाने वाले कप्तान भी बने।
लेकिन वह महत्वपूर्ण मोड़ पर आउट हो गये जिससे न्यूजीलैंड की लड़खड़ा गयी और उसकी रणनीति धरी की धरी रह गयी। प्लंकेट के बेहतरीन स्पैल से इंग्लैंड ने वापसी की। उनकी गेंद विलियमसन के बल्ले को हल्का स्पर्श करके विकेटकीपर जोस बटलर के दस्तानों में पहुंची थी। धर्मसेना ने अपील ठुकरा दी लेकिन डीआरएस ने फैसला बदल दिया। विलियमसन को पवेलियन लौटना पड़ा। निकोल्स ने इसके बाद 71 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके तुरंत बाद प्लंकेट की गेंद विकेटों पर खेल गये। निकोल्स ने अपनी पारी में चार चौके लगाये। लगातार विकेट गिरने से रन गति धीमी पड़ गयी। बीच में 92 गेंदों तक कोई ‘बांउड्री’ नहीं लगी। किस्मत भी कीवी टीम के साथ नहीं थी। रोस टेलर (31 गेंदों पर 15) क्रीज पर पांव जमा चुके थे लेकिन मार्क वुड की पगबाधा की अपील पर अंपायर मारियास इरासमुस की उंगली उठ गयी जबकि गेंद विकेटों के ऊपर से निकल रही थी। जिम्मी नीशाम (25 गेंदों पर 19) पर्याप्त समय क्रीज पर बिताने के बाद पवेलियन लौटे। उन्होंने प्लंकेट की गेंद पर मिड आन पर खड़े रूट को कैच का अभ्यास कराया। कोलिन डि ग्रैंडहोम ने भी 28 गेंदें खेली लेकिन 16 रन बनाकर डेथ ओवरों में आउट हो गये। वोक्स ने लैथम को भी शतक पूरा नहीं करने दिया। इन दोनों के कैच ‘सब्सिट्यूट’ जेम्स विन्से ने लिये।
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