हॉकी कप्तान मनप्रीत और रानी ने कहा, तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना हमारा लक्ष्य

Manpreet & Rani

पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि ‘‘पिछले साल हमारी टीम ने जिस तरह प्रदर्शन किया उसे देखते हुए हमारे पास ओलंपिक में पदक जीतने का काफी अच्छा मौका है। एक टीम के रूप में विकास करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है। ’

नयी दिल्ली। पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और महिला टीम की कप्तान रानी की ओलंपिक को लेकर साझा करने के लिए अच्छी यादें नहीं हैं लेकिन दोनों का मानना है कि उनकी टीम ने पर्याप्त सबक सीख लिए हैं कि अगले साल होने वाले तोक्यो ओलंपिक को ऐतिहासिक सफलता की कहानी बना सकें। मनप्रीत की अगुआई वाली टीम के लिए पिछला एक साल काफी अच्छा रहा है और पुरुष टीम इस दौरान प्रदर्शन में निरंतरता लाते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही जबकि एफआईएच प्रो लीग में पहली बार हिस्सा लेते हुए कुछ अच्छे नतीजे भी हासिल किए जिसमें नीदरलैंड, विश्व चैंपियन बेल्जियम और आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत शामिल है। मनप्रीत ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले साल हमारी टीम ने जिस तरह प्रदर्शन किया उसे देखते हुए हमारे पास ओलंपिक में पदक जीतने का काफी अच्छा मौका है। एक टीम के रूप में विकास करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें बस प्रक्रिया को जारी रखने पर ध्यान देना होगा और नतीजे अपने आप मिलेंगे।’’

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पुरुष टीम की तरह पिछला एक साल महिला टीम के लिए भी काफी अच्छा रहा जिसने कई टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया। महिला टीम ने एफआईएच महिला सुपर सीरीज हिरोशिमा 2019 का खिताब जीतने के अलावा जापान में ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता और ओडिशा में एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर भी जीते। इसके अलावा टीम ने स्पेन, मलेशिया, कोरिया और इंग्लैंड के अपने दौरों पर भी जीत दर्ज की। रानी ने कहा, ‘‘हम हाल में शीर्ष टीमों के खिलाफ खेले और हमने दिखाया कि हमारी टीम में पदक जीतने और ओलंपिक में अपने देश को गौरवांवित करने की क्षमता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम प्रत्येक टूर्नामेंट के साथ बेहतर हो रही है और अगले एक साल में निश्चित तौर पर हम अपने खेल में सुधार करेंगे।’’ तोक्यो ओलंपिक की शुरुआत में अब ठीक एक साल का समय बचा है तब दोनों कप्तानों ने ओलंपिक के अपने अनुभव साझा किए। ओलंपिक में 2012 में पदार्पण करने वाले मनप्रीत ने कहा कि लंदन खेलों में भले ही टीम अंतिम स्थान पर रही लेकिन ये खेल उनके दिल में विशेष स्थान रखते हैं।

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मनप्रीत ने कहा, ‘‘मैं अब तक दो ओलंपिक का हिस्सा रहा हूं इसलिए मुझे बड़े मंच पर खेलने का अनुभव है। एक साल की उलटी गिनती शुरू होने पर खिलाड़ियों का हालांकि थोड़ा नर्वस होना लाजमी है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक खेल 2012 निश्चित तौर पर हमारे लिए बुरा अभियान रहा लेकिन यह मेरे लिए विशेष था क्योंकि यह मेरा पहला ओलंपिक था।’’ मनप्रीत ने कहा, ‘‘हम 2016 में अधिक बेहतर टीम के साथ गए और बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन हम वांछित नतीजे नहीं हासिल कर सके। हम निश्चित तौर पर तोक्यो के लिए तैयार हैं।’’ महिला टीम रियो ओलंपिक के ग्रुप बी में सिर्फ एक मैच ड्रॉ खेलकर अंतिम स्थान पर रही लेकिन रानी ने कहा कि यह अनुभव तोक्यो में बेहतर फैसले करने में उनकी मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘रियो में ओलंपिक का हिस्सा बनना शानदार था। हमने 36 साल बाद टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रचा।’’ रानी ने कहा, ‘‘हम हालांकि सर्वश्रेष्ठ नतीजे हासिल नहीं कर पाए लेकिन 2016 में ओलंपिक मुकाबलों में खेलकर निश्चित तौर पर मैंने काफी कुछ सीखा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि 2016 ओलंपिक में खेलने वाली सभी खिलाड़ी रियो में अपने प्रदर्शन के आधार पर तोक्यो ओलंपिक में मैदान पर बेहतर फैसले करेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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