दो लाइन का सीवी भेजना होता तो मेरा नाम ही काफी था: सहवाग
पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इन रपटों को खारिज किया कि भारत के कोच के पद के लिये उन्होंने दो पंक्ति का सीवी भेजा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इतना छोटा आवेदन भेजना होता तो उनका नाम ही काफी था।
नयी दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इन रपटों को खारिज किया कि भारत के कोच के पद के लिये उन्होंने दो पंक्ति का सीवी भेजा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इतना छोटा आवेदन भेजना होता तो उनका नाम ही काफी था। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपनी चुटीली टिप्पणियों के लिये मशहूर सहवाग ने कहा कि उन्होंने जो सीवी भेजा, वह बीसीसीआई के दिशा निर्देशों के अनुरूप था। उन्होंने 'यूपी वेब' से कहा, ''मैं मीडिया से वह दो पंक्ति का सीवी देखना चाहूंगा। यदि मुझे दो पंक्ति का सीवी ही भेजना होता तो मेरा नाम ही काफी था।' उन्होंने कहा कि वह सौरव गांगुली को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सचिन तेंदुलकर ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की।
उन्होंने कहा, ''सौरव ने मुझे सिखाया कि संयम कैसे रखा जाता है और वह मेरे सर्वकालिक पसंदीदा कप्तान है। दूसरी ओर सचिन ने मुझे आत्मविश्वास दिया। मेरे अंधविश्वासों को तोड़ा और उनके साथ खेलना एक दीवार के साथ खेलने जैसा है। आप खुलकर खेल सकते हैं और खुलकर चौके लगा सकते हैं।'' सहवाग ने कहा कि उन्हें पाकिस्तानी गेंदबाजों खासकर तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की गेंदों को पीटने में मजा आता है। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ के इस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि सहवाग बड़बोलेपन के शिकार हैं।
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