स्कूली स्तर पर पदक विजेताओं का डोप परीक्षण होना चाहिए: गोयल

Vijay Goel says medal winners should be tested for dope
[email protected] । Jun 30 2017 5:39PM

गोयल ने स्कूली स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का डोप परीक्षण करने पर जोर देते हुए कहा कि खिलाड़ियों के अंदर डर पैदा करने के लिये डोपिंग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाया जा रहा है।

केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने स्कूली स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का डोप परीक्षण करने पर जोर देते हुए आज यहां कहा कि खिलाड़ियों के अंदर डर पैदा करने के लिये डोपिंग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाया जा रहा है। गोयल ने यहां कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ विशेष बातचीत में कहा, 'हम डोपिंग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखने जा रहे हैं। हमारा मकसद खिलाड़ियों को जेल भेजना नहीं बल्कि उनके मन में डर पैदा करना है ताकि वे प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन नहीं करें।' उन्होंने कहा, 'हम खेलों को पूरी तरह से डोपमुक्त चाहते हैं और इसलिए हम कुछ सख्त कदम उठाने के साथ ही खिलाड़ियों को शिक्षित भी करना चाहते हैं। मेरा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी डोपिंग के बारे में जानते हैं और इसलिए इस संबंध में हम उनके हस्ताक्षर लेंगे और परीक्षण संबंधी पूरी प्रक्रिया की फिल्म बनाएंगे।'

खेल मंत्री ने स्वीकार किया कि स्कूलों और कालेजों में डोप का चलन बढ़ा है और इसके लिये उनका मंत्रालय कुछ ठोस कदम उठाएगा। गोयल ने कहा, 'स्कूली स्तर पर सभी खिलाड़ियों का डोप परीक्षण नहीं किया जा सकता है लेकिन मेरा मानना है कि स्कूल, कालेजों के पदक विजेताओं का परीक्षण होना चाहिए। इसके लिये नाडा को अपना दायरा बढ़ाना होगा। मुझे तो लगता है कि स्कूल, कालेजों में दाखिला लेने के लिये ट्रायल देने वाले खिलाड़ियों पर भी नजर रखी जानी चाहिए।' उन्होंने इसके साथ ही कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिये ट्रायल में अगर कुछ अच्छे खिलाड़ी निकलकर आते हैं तो खेल मंत्रालय ने उन्हें साई केंद्रों में परीक्षण देने पर विचार करेगा। गोयल ने कहा, 'हमने इस संबंध में पहल भी कर दी है। मैं नहीं चाहता कि सुविधा के अभाव का किसी प्रतिभा पर विपरीत प्रभाव पड़े।'

गोयल ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के विभिन्न केंद्रों की स्थिति पर चिंता जतायी और स्वीकार किया इनमें से अधिकतर केंद्रों में काफी सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ साई केंद्रों के कोच को देखा तो उनकी खुद की फिटनेस सोचनीय है। मैंने सभी केंद्रों के कोचों की सूची तैयार करने के लिये कहा है। मैंने लगभग सभी केंद्रों का दौरा किया लेकिन मुझे बेंगलुरू, ग्वालियर और पटियाला की स्थिति कुछ बेहतर लगी।'

भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष एन. रामंचद्रन ने हाल में बयान दिया कि वह 2032 में ओलंपिक मेजबानी का दावा पेश करने के लिये प्रयास करेंगे। इस बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, 'अभी हमारे पास इस संदर्भ में प्रस्ताव नहीं आया है। अगर वे हमारे पास प्रस्ताव भेजते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे।' उन्होंने कहा, 'हमारा ध्यान अभी अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों और 2020 ओलंपिक खेलों पर है। आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) विभिन्न खेलों और भार वर्गों में बदलाव करती रही है और इसलिए हमने आईओए और विभिन्न खेल महासंघों से ओलंपिक को लेकर उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताने के लिये कहा है।'

सुशील कुमार को कुश्ती का खेल पर्यवेक्षक नियुक्त करने के मंत्रालय के फैसले का उन्होंने फिर से बचाव किया। गौरतलब है कि निलंबित पहलवान नरसिंह यादव ने सुशील को पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर आपत्ति जताते हुए इसे हितों के टकराव का मामला बताया था। गोयल ने कहा, पर्यवेक्षकों ने अपना काम शुरू कर दिया है। वे महासंघों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और विभिन्न स्थलों का दौरा करके अपनी रिपोर्ट सौंप रहे हैं। महासंघों को भी लगता है कि पर्यवेक्षक होने से उन्हें फायदा होगा।' गोयल ने इसके साथ ही कहा कि ग्रामीण खेलों के आयोजन दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी आयोजित किये जाएंगे।

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