Chai Par Sameeksha: Niti Aayog पर आरोप लगा रहे नेता क्या अपने कामकाज का हिसाब देने का साहस दिखाएंगे

Niti Aayog
ANI
अंकित सिंह । Jul 29 2024 5:20PM

नीरज दुबे ने कहा कि विपक्ष ने एक अभियान से चला रखा है कि सरकार जो भी कम करें, उसके खिलाफ बोलना है। सरकार के कामकाज को बाधित करना है। लेकिन कहीं ना कहीं यह देश हित में नहीं है, राष्ट्रहित में नहीं है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह नीति आयोग की बैठक, संसद सत्र संबंधित मुद्दे और यूपी बीजेपी में चल रही उठापटक से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि यह साफ प्रदर्शित हो रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में जनता ने विपक्ष को जो ताकत दी है उसका वह सदुपयोग नहीं कर पा रहा है। सिर्फ हंगामे की राजनीति और सरकार को अपनी ताकत दिखाने का खेल चल रहा है। प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने यहां पर कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे को कहीं ना कहीं विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी की हार के तौर पर पेश किया जा रहा है। विपक्ष अति उत्साह में तो दिख रहा है लेकिन कहीं ना कहीं सकारात्मक राजनीति की ओर वह बढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है।

नीरज दुबे ने कहा कि विपक्ष ने एक अभियान से चला रखा है कि सरकार जो भी कम करें, उसके खिलाफ बोलना है। सरकार के कामकाज को बाधित करना है। लेकिन कहीं ना कहीं यह देश हित में नहीं है, राष्ट्रहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर जो राजनीति हो रही है, वह सही नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में बढ़ रही है। यह हम नहीं बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाएं कह रही हैं। ऐसे में विपक्ष राजनीति क्यों कर रहा है, यह समझ से परे हैं। भारत मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि विपक्ष इसमें बड़ा लगाने की कोशिश कर रहा है।

इसे भी पढ़ें: नीति आयोग की बैठक में सहभागितापूर्ण शासन पर ध्यान केंद्रित किया गया : अमित शाह

नीरज दुबे ने कहा कि अगर विपक्ष शासित राज्य कह रहे हैं कि हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है तो उन राज्यों के मुख्यमंत्री को यूपीए और एनडीए के शासनकाल में मिले आर्थिक मदद की सूची सामने लाना चाहिए। एक श्वेत पत्र लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को थोड़ा महत्व दिया गया है। लेकिन यह दोनों ऐसे राज्य हैं जिसे सबसे आगे लेकर चलने की जरूरत है। बिहार को आगे बढ़ाने की जरूरत है। तभी देश आगे बढ़ेगा। आंध्र प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी अपनी राजधानी अब तक बंटवारे के बाद नहीं बन पाई है। यह बजट पूरी तरीके से संतुलित है। इस पर राजनीति ठीक नहीं है। 

नीति आयोग की बैठक और उस पर जारी राजनीति पर नीरज दुबे ने कहा कि जो राज्य में शामिल नहीं हुोकर उन्होंने बड़ी गलती की है। उन्होंने मोदी या भाजपा को नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि अपने राज्य के लोगों को नुकसान पहुंचा है। अगर वह उस बैठक में जाते तभी वहां अपने पास रख पाते। ममता बनर्जी के आरोपों पर नीरज दुबे ने कहा कि किसको कितनी बोलने की इजाजत दी जाती है और कितना समय दिया जाता है यह पहले से बना बनाया है। इसको अभी नहीं बनाया गया है, अगर कोई नेता ज्यादा समय चाहता है बोलने के लिए तो इसका मतलब साफ है कि वह दूसरे का हक मारना चाहता है। नीति आयोग की बैठक टीम इंडिया की बैठक है। लेकिन विपक्ष शासित राज्य टीम इंडिया में शामिल होना नहीं चाहते। 

उत्तर प्रदेश को लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं थे जो 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। लेकिन वह नहीं बन पाए। योगी आदित्यनाथ को मौका मिला। तभी से कई सारे लोग मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं। लेकिन वह पूरी होती दिखाई नहीं दे रही है। नीरज दुबे ने कहा कि योगी गोरखपुर मठ से निकलकर सीधे मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। बल्कि उससे पहले वह पांच बार के सांसद रहे हैं। वह मजबूती के साथ जमीन पर लड़ाई लड़ते रहे हैं। वह लोगों के नेता है। उनकी अपनी जमीनी पकड़ है। लेकिन अगर इसे कोई नहीं पचा पा रहा है तो वह उसकी गलती है। योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल है। केशव प्रसाद मौर्य भले ही यह कहते रहे हो कि सरकार से बड़ा संगठन है लेकिन वह उपमुख्यमंत्री होते हुए अपनी सीट हार गए। ऐसे में कहीं ना कहीं उनकी जनाधार को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़