हैदराबाद में मानव रहित वाहनों के लिए अत्याधुनिक केंद्र स्थापित
डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि दुनिया भर में नियंत्रित वातावरण में मानव रहित और इनसे जुड़े वाहनों के संचालन की जांच के लिए सीमित टेस्टबेड या प्रोविंग ग्राउंड (जहाँ परीक्षण होता है) मौजूद हैं। इसमें वास्तविक जीवन के यातायात संचालन में होने वाले विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण किया जाता है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सोमवार को हैदराबाद में मानव रहित वाहनों के विकास के लिए अत्याधुनिक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया है। यह एक स्वचालित नेविगेशन सुविधा केंद्र है, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद परिसर में स्थापित किया गया है।
टेक्नॉलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनोमस नेविगेशन (TiHAN) नामक यह केंद्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 130 करोड़ रुपये के अनुदान पर आधारित है। यह एक बहु-विषयक पहल है, जो भारत को भविष्य और अगली पीढ़ी की ‘स्मार्ट मोबिलिटी’ तकनीक में एक वैश्विक खिलाड़ी बनाने की क्षमता रखती है। अपनी तरह के इस पहले अत्याधुनिक सुविधा केंद्र में मानव रहित हवाई एवं स्थलीय वाहन विकसित किये जाएंगे।
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डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि दुनिया भर में नियंत्रित वातावरण में मानव रहित और इनसे जुड़े वाहनों के संचालन की जांच के लिए सीमित टेस्टबेड या प्रोविंग ग्राउंड (जहाँ परीक्षण होता है) मौजूद हैं। इसमें वास्तविक जीवन के यातायात संचालन में होने वाले विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण किया जाता है। ब्रिटेन में मिलब्रुक प्रोविंग ग्राउंड, अमेरिका में एम-सिटी, सिंगापुर में सेट्रान, दक्षिण कोरिया में के-सिटी, जापान में जरी आदि उदाहरण के तौर पर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत में स्वचालित वाहनों का आकलन करने के लिए वर्तमान में ऐसी कोई टेस्टबेड सुविधा नहीं है। इसीलिए, इस टेक्नॉलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनोमस नेविगेशन (TiHAN) टेस्टबेड की आवश्यकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए इस केंद्र ने मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि टीआईएचएएन टेस्टबेड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के बीच उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का मोबिलिटी क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और टीआईएचएएन - आईआईटीएच स्वायत्त वाहनों के लिए भविष्य की प्रौद्योगिकी सृजन का स्रोत होगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्वायत्त नेविगेशन (हवाई और जमीनी) पर टीआईएचएएन-आईआईटीएच टेस्टबेड हमें अगली पीढ़ी की स्वायत्त नेविगेशन प्रौद्योगिकियों का सटीक परीक्षण करने और तेजी से प्रौद्योगिकी विकास और वैश्विक बाजार में प्रवेश के लिए समर्थ बनाएगा।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीआईएचएएन विशेष रूप से इस दशक के राष्ट्रीय महत्व के कई अनुप्रयोग क्षेत्रों के लिए स्वायत्त यूएवी और जमीनी/सतह वाहनों का उपयोग करके एक वास्तविक समय सीपीएस प्रणाली विकसित और तैनात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस टेस्टबेड में सिमुलेशन प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिससे एल्गोरिदम और प्रोटोटाइप के नॉन-डिस्ट्रक्टिव परीक्षण संभव होंगे। स्थलीय प्रणालियों में, इन परिदृश्यों के कुछ उदाहरण स्मार्ट सिटी, सिग्नल वाले चौराहे, साइकिल चालकों और पैदल चलने वालों के साथ स्वचालित वाहनों का परस्पर संपर्क, वाहनों और सड़क किनारे इकाइयों के बीच वायरलेस नेटवर्किंग आदि हैं। स्वायत्त वाहन टेस्टबेड में डमी साइनबोर्ड, पैदल यात्री, ओवरपास और बाइक चालक भी होंगे, ताकि सभी तरह की वास्तविक स्थितियों में परीक्षण हो सके।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को भविष्य की प्रौद्योगिकियों का गंतव्य बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। ऐसी ही एक पहल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से देश भर में बहु-विषयक साइबर भौतिक प्रणालियों (एनएम-आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय मिशन के तहत 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों की स्थापना है। इस मिशन के तहत, आईआईटी हैदराबाद को स्वायत्त नेविगेशन और डेटा अधिग्रहण प्रणाली (यूएवी, आरओवी, आदि) की तकनीकी शाखा में प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र प्रदान किया गया है।
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एनएम-आईसीपीएस टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (टीआईएचएएन) एक बहु-विषयक पहल है, जिसमें आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, गणित, डिजाइन, लिबरल आर्ट्स और उद्यमिता के शोधकर्ता शामिल हैं। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग से टीआईएचएएन को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान संगठन (एसआईआरओ- सीरो) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ श्रीवरी चंद्रशेखर ने बताया कि इस परीक्षण सुविधा में एक हवाई पट्टी, सॉफ्ट लैंडिंग क्षेत्र, ड्रोन रखने के लिए जगह (हैंगर), एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस), प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए टेलीमेट्री स्टेशन शामिल है। एलआईडीएआर, रडार, कैमरा आदि जैसे पेलोड के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा रहा है। मैनुअल और स्वायत्त संचालन के बीच नियंत्रण संक्रमण और चालक रहित वाहनों की सार्वजनिक स्वीकृति पर अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय परिदृश्य में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए नियमों और संचालन नीतियों को तैयार करने में मानव रहित वाहनों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण सहायता करेंगी।
(इंडिया साइंस वायर)
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