जम्मू के छात्र ने विकसित किया ओपन सोर्स सैटेलाइट
ओंकार को उनकी असाधारण प्रतिभा के लिए जाना जाता है, और विज्ञान में उनकी रुचि के कारण उन्होंने कई अभिनव उपलब्धियां हासिल की हैं। सैद्धांतिक विज्ञान पर एक पुस्तक लिखने के लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करने वाले जम्मू के 16 वर्षीय छात्र ओंकार सिंह बत्रा ने भारत का पहले ओपन-सोर्स सैटेलाइट इनक्यूब (InQube) विकसित किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी रुचि ने उन्हें बेहद कम उम्र में सैटेलाइट विकसित करने की अनूठी परियोजना शुरू करने के लिए प्रेरित किया। यह 10x10x10 वर्ग सेंटीमीटर आकार का एक बेहद छोटा सैटेलाइट है, जिसका वज़न मात्र एक किलोग्राम है। ओंकार सिंह बताते हैं कि इस उपग्रह का आकार इतना छोटा है कि इसे हथेली में आसानी से रखा जा सकता है।
इनक्यूब एक 1U CubeSat है, जिसे ओंकार द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठन, पैराडॉक्स सोनिक स्पेस रिसर्च एजेंसी के बैनर तले विकसित किया गया है।
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ओंकार को उनकी असाधारण प्रतिभा के लिए जाना जाता है, और विज्ञान में उनकी रुचि के कारण उन्होंने कई अभिनव उपलब्धियां हासिल की हैं। सैद्धांतिक विज्ञान पर एक पुस्तक लिखने के लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया है। ओंकार के नाम कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिनमें से एक सात साल की उम्र में दुनिया का सबसे कम उम्र का वेब डेवलपर होना शामिल है।
इनक्यूब सैटेलाइट मौसम अनुमान प्रणाली, एक कैमरा, और एक ऑन-बोर्ड कंप्यूटर से लैस है। इनक्यूब सैटेलाइट के लाभ और उपयोग के बारे में, ओंकार बताते हैं कि इसका उपयोग स्कूल और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन के लिए किया जा सकता है। वह कहते हैं कि इनक्यूब एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन नैनो-सैटेलाइट मिशन है, जो गैर-पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक्स की स्थिरता और विस्तारित अवधि के लिए अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में कस्टम निर्मित बस प्रणाली का प्रदर्शन करता है।
इनक्यूब ने हाल में कठुआ के इंडस्ट्रियल बायोटेक पार्क में अपनी परियोजना से जुड़ी एक सफल प्रस्तुति दी है। ओंकार सिंह बत्रा ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “हमने लोगों को क्यूबसैट की अवधारणा को समझाने के लिए डेमोसैट-वी1 के उत्तराधिकारी यानी डेमोसैट-वी2 का उपयोग किया है।” ओंकार सिंह का कहना है कि इस प्रदर्शनी में आये लोगों से बातचीत में मैंने पाया कि लोगों में कृत्रिम उपग्रहों को लेकर भ्रांतियां हैं, जिन्हें हमने दूर करने का प्रयास किया।
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ओंकार की उपलब्धि को उधमपुर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी सराहा है। ओंकार कहते हैं कि ऑर्बिटल सैटेलाइट इनक्यूब को इसरो के पीएसएलवी की मदद से लॉन्च करने की योजना है। फिलहाल ओंकार इन्क्यूब के प्रक्षेपण और अन्य सुविधाओं के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के माध्यम से अंतरिक्ष विभाग के साथ निरंतर संपर्क में हैं।
ओंकार के के पिता कंप्यूटर पर काम करते थे, जब उनके क्षेत्र में कंप्यूटर का आगमन शुरू हो रहा था, और ओंकार उनके पीछे-पीछे लगे रहते थे। यहीं से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से उनका जुड़ाव शुरू हुआ। बाद में, जब पिता ने कंप्यूटर में ओंकार की रुचि देखी, तो एक निजी लैपटॉप बेटे को दे दिया, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं।
(इंडिया साइंस वायर)
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