आईआईएससी और मेलबर्न विश्वविद्यालय शुरू करेंगे संयुक्त पीएचडी
आईआईएससी और मेलबर्न विश्वविद्यालय अगले पाँच वर्षों के लिए हर साल 10 संयुक्त पीएच.डी. उम्मीदवारों को सहयोग करेंगे। पीएच.डी. कार्यक्रम में नामांकित छात्र प्रत्येक संस्थान में 12 से 24 महीने तक रहकर अध्ययन कर सकते हैं। पीएच.डी. के सफल समापन पर, एक संयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
भारत के अग्रणी शोध संस्थानों में शामिल भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और शिक्षण एवं शोध में 160 वर्षों का अनुभव रखने वाला ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त पीएच.डी. कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। इन दोनों संस्थानों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पहली बार संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए हाथ मिलाया है, जिसे निकट भविष्य में मेडिकल पीएच.डी. कार्यक्रमों तक बढ़ाया जा सकता है। संयुक्त पीएच.डी. कार्यक्रम के विस्तार पर चर्चा के लिए आईआईएससी परिसर में दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई है।
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यह पीएच.डी. कार्यक्रम मेलबर्न इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट एकेडमी (एमआईपीए) का हिस्सा है, जिसमें स्थापित शोधकर्ताओं और मेलबर्न विश्वविद्यालय तथा भारत के शीर्ष अनुसंधान संस्थानों के ऐसे संयुक्त पीएचडी शामिल हैं, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने वाली परियोजनाओं में संलग्न है। नये पीएच.डी. कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों संस्थानों की शैक्षणिक क्षमता के समुचित उपयोग के साथ वैश्विक विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में शोधार्थियों को बेहतर शोध संसाधन मुहैया कराना, और वर्तमान ज्वलंत चुनौतियों को केंद्र में रखते हुए प्रभावी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित रिसर्च आउटपुट प्रदान करना है।
आईआईएससी के अंतरराष्ट्रीय संबंध कार्यालय प्रमुख एवं मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के संकाय सदस्य प्रोफेसर प्रवीण कुमार ने कहा, "हम एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के साथ हमारे पहले संयुक्त डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी से उत्साहित हैं। यह साझेदारी आईआईएससी और मेलबर्न विश्वविद्यालय; दोनों संस्थानों के छात्रों को महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, और उन्हें इन संस्थानों के विशेषज्ञों से सीखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी। मेलबर्न विश्वविद्यालय और एमआईपीए, लंबे समय से हमारे अकादमिक और शोध साझीदार रहे हैं, और हम नये एवं विविध क्षेत्रों में उनके साथ अपने सहयोग को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।”
मेलबर्न विश्वविद्यालय के उप-कुलपति (अंतरराष्ट्रीय) प्रोफेसर माइकल वेस्ले ने कहा, “आईआईएससी में अपने सहयोगियों के साथ संयुक्त पीएच.डी. कार्यक्रम में पहला वैश्विक विश्वविद्यालय भागीदार बनकर हमें खुशी हुई। दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता के साथ, हम कुछ महत्वपूर्ण अनुसंधान, और अनुसंधान प्रशिक्षण परियोजनाओं को विकसित करने पर काम कर रहे हैं, और चिकित्सा के क्षेत्र में भी संयुक्त कार्यक्रम का विस्तार करने के इरादे की घोषणा करना हमारे लिए सम्मान की बात है।”
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इस साझेदारी के अंतर्गत आईआईएससी और मेलबर्न विश्वविद्यालय अगले पाँच वर्षों के लिए हर साल 10 संयुक्त पीएच.डी. उम्मीदवारों को सहयोग करेंगे। पीएच.डी. कार्यक्रम में नामांकित छात्र प्रत्येक संस्थान में 12 से 24 महीने तक रहकर अध्ययन कर सकते हैं। पीएच.डी. के सफल समापन पर, एक संयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। नामांकन के लिए, स्नातक शोधकर्ताओं को भारतीय विज्ञान संस्थान और मेलबर्न विश्वविद्यालय, दोनों संस्थानों में पीएच.डी. के लिए प्रवेश-अर्हता को पूरा करना होगा।
पीएच.डी. कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग को मजबूत करना है। मेलबर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उदय परमपल्ली और आईआईएससी के एसोसिएट प्रोफेसर सुधन मांझी का संयुक्त कार्य इसका उदाहरण है, जिसमें उन्होंने आईआईएससी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी खड़गपुर को शामिल करते हुए एक कोडिंग, सेंसिंग और संचार (सीएससी) अनुसंधान नेटवर्क स्थापित किया है। इस नेटवर्क, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर के लिंक भी हैं, का उद्देश्य साइबर सुरक्षा और संचार से जुड़े नवीन अनुप्रयोगों में अनुसंधान को आगे बढ़ाना है।
(इंडिया साइंस वायर)
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