पहली बार किसी CM ने सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी किया
सौ दिन किसी सरकार के लिए बहुत कम होते हैं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सरकार के क्रियाकलापों को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया। इसका बड़ा कारण यह था कि भाजपा ने परिवर्तन के नाम पर वोट माँगा था।
जिम्मेदारी के पदों पर आसीन लोगों द्वारा समय−समय पर अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करना सराहनीय है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की यह परंपरा आगे बढ़ रही है। संयोग भी अच्छा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सौ दिन की सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इसमें कुछ अन्य बिंदु भी जोड़े। यह पहला अवसर था जब किसी मुख्यमन्त्री ने अपनी सरकार के सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। यह भी पहली बार हुआ जबकि मुख्यमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद के साथ पत्रकारों से मुखातिब हुए। यह मंत्रिपरिषद की जवाबदेही का प्रतीक था।
सौ दिन किसी सरकार के लिए बहुत कम होते हैं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सरकार के क्रियाकलापों को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया। इसका बड़ा कारण यह था कि भाजपा ने परिवर्तन के नाम पर वोट माँगा था। इसमें प्रदेश को सपा, बसपा से मुक्त करने व उनकी गलत नीतियों को बदलने का विचार शामिल था। मतदाताओं ने भाजपा को भरपूर समर्थन दिया। प्रदेश को सपा, बसपा से मुक्त कर दिया। कांग्रेस तो पहले से ही मुक्त थी। अब वादे के अनुरूप प्रदेश में परिवर्तन लाना भाजपा सरकार की जिम्मेदारी थी। योगी आदित्य नाथ ने इस जिम्मेदारी को समझा। सौ दिन तक उन्होंने बड़ी मेहनत की अठारह, घंटे तक कार्य करके सरकारी मशीनरी को दुरुस्त किया। करीब पंद्रह वर्षों से यह मशीनरी अलग रंग और अंदाज में थी। इनको बदलना आसान नही था। लेकिन योगी यह तरीका जानते हैं। वह सुशासन को पटरी पर लाने में कामयाब हो रहे हैं।
सौ दिन की उपलब्धियां योगी आदित्यनाथ ने बताईं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि सरकार परिवर्तन के वादे पर बखूबी अमल कर रही है। सौ दिन में परिवर्तन की स्पष्ट दिशा दिखाई देने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मंत्री परिषद के सहयोगियों के साथ सौ दिन विश्वास के शीर्षक से रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इसका कवर पेज अपने में बहुत कुछ कहता है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की फोटो है। योगी कहते भी हैं कि प्रदेश के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी पर विश्वास करके इतना बड़ा बहुमत दिया है। इसी के साथ सबका साथ सबका विकास लिखा है। भाजपा की सरकारी इसी आदर्श वाक्य पर अमल कर रही है। सबसे ऊपर लक्ष्य अंत्योदय−प्राण अंत्योदय−पथ अंत्योदय लिखा है। इसके नीचे पंडित दीनदयाल उपाध्यय का चित्र है। इसमें जन्म शताब्दी वर्ष लिखा है। योगी कहते भी हैं कि उनकी सरकार ने पंडित दीनदयाल जी की जन्मशताब्दी वर्ष में शपथ ली है। यह सरकार उनके अंत्योदय, गरीब, किसान, बेरोजगारों के प्रति समर्पित है। इस पत्रिका को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। अधिकांश हिस्से में सरकार ने अपनी उपलब्धियां बताईं। इसके अलावा विरासत में मिली बदहाली की भी चर्चा है। जातिवाद, भ्रष्टाचार और परिवारवाद से प्रदेश बेहाल था। भर्तियों में जातिवाद, भ्रष्टाचारों के आरोपों से बेरोजगारों में निराशा थी। सपा, बसपा एकदूसरे के नेताओं को घोटालों में जेल भेजने के वादे करती थीं लेकिन सत्ता में पहुंच कर वादा भूल जाते थे।
योगी सरकार ने भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाई है। कानून व्यवस्था पर योगी ने जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनाई। गौ तस्करी पर प्रतिबंध लागने के निर्देश दिये गये। घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस बल को अधिक चौकस एवं सतर्क किया गया। विशेष रूप से रात्रि में पुलिस गश्त पर और अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिससे अपराधों को रोका जा सके। अपराधमुक्त, अन्यायमुक्त, भयमुक्त वतावरण स्थापित करने के लिए सरकार ने बहुत सारे उपायों पर ध्यान दिया है। महिलाओं के मन में सुरक्षा का विश्वास जागृत करने के लिए एन्टी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया। पेट्रोल पम्पों में इलेक्ट्रानिक चिप लगाकर बड़े पैमाने पर घटतौली का पूरे देश में पहली बार एसटीएफ द्वारा पर्दाफाश किया गया। अवैध पशु वध रोकने के लिए प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यों की टीम गठित की गई। गत वर्ष इस अवधि तक 13242.11 करोड़ का गन्ना किसानों का भुगतान किया गया जबकि इस वर्ष अब तक 22517.52 करोड़ रुपए का भुगतान सुनिश्चित किया गया। 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का एक लाख रूपये तक फसली ऋण माफ किया गया। नयी उद्योग नीति लागू करने पर भी निर्णय हुआ एवं 20 नये कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना का निर्णय, शिक्षा में व्यापक सुधार, 220 दिनों का शैक्षिक कैलेंडर लागू करने का निर्णय, शिक्षा के प्रारंभ में 01 से 10 जुलाई के बीच छात्रों के यूनिफार्म, जूते, पुस्तकों एवं बैग का वितरण सुनिश्चित किया जायेगा।
हर जिले में एंटी भू माफिया टास्क फोर्स स्थापित करने का फैसला भी प्रदेश सरकार ने लिया तथा भू माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा की गयी सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का अभियान शुरू किया गया। मूल्य समर्थन योजना के अर्न्तगत 1625 प्रति कुन्तल गेहूं का न्यनतम समर्थन मुल्य तय किया गया। लोडिंग अनलोडिंग के लिए 5105 गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित किये गये। 36.99 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की गयी। गत वर्ष की कुल खरीद से लगभग 4.5 गुना अधिक एवं सरकार गठन के पश्चात 3009 निशुल्क बोरिंग, 563 मध्यम गहरी बोरिंग एवं 258 गहरी बोरिंग पूर्ण की गई। 1,21,000 किमी गड्ढायुक्त सड़कों में से लगभग 80,000 किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा 85000 किमी सड़कों में से लगभग 72000 किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजन की 1703 किमी सड़कों में से 1637 किमी को गड्ढा मुक्त किया गया।
विद्युत अपूर्ति में आम और खास जिलों का भेदभाव समाप्त किया गया। सभी स्थानों पर एक जैसा विद्युत आपूर्ति कार्यक्रम लागू किया गया। 2806 करोड़ रुपए की लागत के 23 बड़े विद्युत उपकेन्द्र ऊर्जीकृत किये गये। 100 दिन में 606319 पावर कनेक्शन दिये गये। 8000 अतिभारित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि सम्पन्न। सभी विभागों में ई−टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की गई। अवैध खनन परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए खनन प्रक्रिया में सरलीकरण और पारदर्शिता लायी गई। सरकार ने परिवर्तन की दिशा तय कर ली है। सरकार उस दिशा में आगे बढ़ रही है। यह उम्मींद करनी चाहिए कि प्रदेश की जनता शीघ्र ही सपा, बसपा से मुक्ति का अनुभव करेगी। मुख्यमंत्री कहते भी हैं कि वह 100 दिन की उपलब्धियों से संतुष्ट हैं और आम जनता भी इस बात को महसूस कर रही है।
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
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