Interview: Wrestler Sakshi Malik ने कहा- इस बार हम आर या पार की लड़ाई लड़ने बैठे हैं
साक्षी मलिक ने कहा कि धोखा हुआ था तब हमारे साथ। कोई जांच-वांच कमेटी नहीं बनाई थी। सिर्फ हमारा धरना खत्म करवाया था जिसमें वह सफल हो गए। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई, वह मुद्दे को शांत करने का षड्यंत्र मात्र था। पर, हमारा मौजूदा धरना खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई के लिए है।
इंडियन रेसलर्स का एक बार फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू हो गया है। आरोप पुराने ही हैं। वह लोग फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटवाना चाहते हैं। जनवरी में जब इनका धरना शुरू हुआ था, तब जांच कमेटी का गठन कर और न्याय दिलाने का भरोसा देकर सरकार ने धरना खत्म करवा दिया था। जो समय दिया गया उसमें रेसलर्स की मांगें पूरी नहीं कीं, इसलिए यह लोग फिर से धरने पर बैठ गए हैं। ऐलान कर दिया है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, धरने से नहीं उठेंगे और न कोई कैंप ज्वाइन करेंगे, किसी प्रतियोगिता में भाग भी नहीं लेंगे। इस मुद्दे पर महिला पहलवान साक्षी मलिक से पत्रकार डॉ. रमेश ठाकुर ने गुफ्तगू की।
प्रश्नः सरकार ने जनवरी में जो जांच कमेटी बनाई थी, क्या उससे संतुष्ट नहीं हैं आप लोग?
उत्तर- धोखा हुआ था तब हमारे साथ। कोई जांच-वांच कमेटी नहीं बनाई थी। सिर्फ हमारा धरना खत्म करवाया था जिसमें वह सफल हो गए। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई, वह मुद्दे को शांत करने का षड्यंत्र मात्र था। पर, हमारा मौजूदा धरना खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई के लिए है। फेडरेशन में व्याप्त गंदगी को साफ करना है। फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के संबंध में हमने जांच कमेटी को पर्याप्त सबूत दिए हैं, लेकिन उनकी भी हिम्मत नहीं हुई कि वो भी उन पर हाथ डाल सकें।
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प्रश्नः आपको लगता है इस बार आपकी आवाज सुनी जाएगी?
उत्तर- सुननी चाहिए, यही आस लेकर हम बैठे हैं। हमें उम्मीद थी प्रधानमंत्री खुद या उनका कोई जिम्मेदार मंत्री हमसे मिलेगा। पर, तीन-चार दिन से तो कोई नहीं आया, न कोई मंत्री और न ही कोई अधिकारी? लेकिन इस बार का धरना हमारा आर पार का होगा। हो सकता है सरकार हमारे सब्र का इम्तिहान ले रही हो। अब हम ठान चुके हैं, हर कठिन परीक्षा से गुजरेंगे, लेकिन जब तक हमारे साथ इंसाफ नहीं होगा, हम यहां से नहीं हटेंगे।
प्रश्नः मोटे तौर पर आपके आरोप हैं क्या?
उत्तर- देखिए, फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और एक कोच पर बेहद गंभीर आरोप हैं। जनवरी में भी हमने मीडिया वालों को बताया था कि कोच नेशनल कैंप में महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते हैं। तब विनेश फोगाट ने बताया भी था कि बृजभूषण शरण सिंह खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के एकदम विरुद्ध है। टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद विनेश को खोटा सिक्का तक कहा गया था। इसके अलावा इसी तरह के एक नहीं तमाम आरोप हैं।
प्रश्नः फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर मुकदमा दर्ज करवाने के खिलाफ आप लोगों ने अब सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है।
उत्तर- जी हां। स्थानीय थाने में जब हमारी शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया गया, तो हमें कोर्ट का रुख करना पड़ा। राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक पीड़ित महिला का जिक्र किया, जिसमें महिला ने कहा था कि उनके साथ गलत हुआ, तो पुलिस राहुल गांधी के घर पहुंच जाती है। लेकिन हम चीख चीख कर कह रहे हैं हमारे साथ गलत हुआ तो पुलिस क्यों नहीं आती हमारे पास।
-डॉ. रमेश ठाकुर
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