कश्मीर में पहले से मुश्किल झेल रहे पर्यटन क्षेत्र का संकट कोरोना वायरस ने और बढ़ाया
आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में नौ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए। लेकिन अब इस खुशी को कोरोना वायरस लीलने लगा है। ऐसा ही हाल जम्मू-कश्मीर के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी दिख रहा है।
इस माह के अंत में कश्मीर में आरंभ होने जा रहे ट्यूलिप फेस्टिवल पर कोरोना वायरस का साया पड़ने लगा है। इस फेस्टिवल के जरिए कश्मीर में पर्यटन में जान फूंकने की कवायद औंधे मुंह गिरती नजर आने लगी है क्योंकि पर्यटकों ने अपनी बुकिंगें रद्द करवानी आरंभ कर दी है। यही नहीं वैष्णो देवी की यात्रा में साल के पहले दो महीनों के आंकड़ों से मिलने वाली खुशी भी अब कोरोना वायरस के कारण काफूर होने लगी है।
स्थिति यह है कि ट्यूलिप फेस्टिवल की तैयारियों में जुटा पर्यटन विभाग प्रशासन की उन चेतावनियों को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है जिसमें वह कोरोना से बचाव की खातिर अधिक भीड़ एकत्र करने से मना कर रहा है। पर्यटन विभाग की कवायद सिरे चढ़ पाएगी इसके प्रति भी शंका इसलिए है क्योंकि ट्यूलिप फेस्टिवल को देखने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों ने अब अपने कश्मीर के दौरे को रद्द करना आरंभ कर दिया है।
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ऐसा ही असर वैष्णो देवी की यात्रा पर भी दिखने लगा है जहां कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा करके वापस आए श्रद्धालुओं की आमद से डर पैदा हो गया है। यही डर कटड़ा निवासियों को भी होने लगा है जिन्हें आशंका है कि अगर यूं ही कोरोना प्रभावित मुल्कों से लौटे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती रही तो महामारी फैल सकती है। कुछ होटल मालिकों ने इसकी पुष्टि भी की है कि आने वाले दिनों के लिए करवाई गई बुकिंग रद्द करवाई जा चुकी हैं।
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हालांकि सतर्कता के चलते इटली, कनाडा, अमेरिका और नेपाल का सफर कर वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंचे 23 भक्तों को कटड़ा में स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में रखा है। माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड ने उन श्रद्धालुओं की यात्रा पर रोक लगा दी है, जिन्होंने हाल ही में कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा की है। बोर्ड ने हरियाणा के उन दो श्रद्धालुओं को भी यात्रा करने से रोका जो हाल ही में इटली की यात्रा के लौटे हैं। वहीं नेपाल के रहने वाले 11 भक्तों को भी यात्रा करने से रोका गया है।
इसके साथ ही चार कनाडा से और अमेरिका से यात्रा कर लौटे छह यात्रियों को भी यात्रा करने से रोक गया है। हालांकि श्राइन बोर्ड का दावा है कि रोके गए सभी यात्री पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें से किसी भी यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं। इतना जरूर था कि इस साल के पहले दो महीनों में वैष्णो देवी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में नौ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए। लेकिन अब इस खुशी को कोरोना वायरस लीलने लगा है। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के बकौल, इस साल एक जनवरी से 29 फरवरी तक नौ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए जो एक रिकॉर्ड है।
-सुरेश एस डुग्गर
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