Taarak Janubhai Mehta Birth Anniversary: गुजराती थिएटर के जाने-माने नाम थे तारक जानुभाई मेहता, इनके नाम पर प्रसारित होता है पसंदीदा शो

Taarak Janubhai Mehta Birth Anniversary
Creative Commons licenses/Wikimedia Commons

तारक जानुभाई मेहता एक भारतीय स्तंभकार, हास्यकार, लेखक और नाटककार थे। आज ही के दिन यानी की 26 दिसंबर को तारक जानुभाई मेहता का जन्म हुआ था। वह गुजराती थिएटर के एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे।

सब टीवी पर प्रसारित होने वाला शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' तो हर किसी ने देखा होगा। क्योंकि यह टीवी इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर शो में से एक है। सब टीवी पर पिछले 13 सालों से प्रसारित होने वाले यह शो दर्शकों का मनोरंजन करने और दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर असली तारक मेहता कौन हैं। तो बता दें कि तारक जानुभाई मेहता एक भारतीय स्तंभकार, हास्यकार, लेखक और नाटककार थे। आज ही के दिन यानी की 26 दिसंबर को तारक जानुभाई मेहता का जन्म हुआ था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर तारक जानुभाई मेहता के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और परिवार

गुजरात के अहमदाबाद में 26 दिसंबर 1929 को तारक जुनाभाई मेहता का जन्म हुआ था। उनकी पहली पत्नी इला से रिश्ता खत्म होने के बाद वह साल 2000 में अपनी दूसरी पत्नी इंदु के साथ रहने लगे। पहली शादी से तारक जुनाभाई की एक बेटी ईशानी है। 

पहला कॉलम

बता दें कि तारक जुनाभाई मेहता गुजराती थिएटर के एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। उन्होंने गुजरात के कई कॉमेडी शोज बनाए हैं। साल 1971 में पहली बार उनका प्रसिद्ध कॉलम 'चित्रलेखा' में छपा था। उस दौर के मुद्दों को तारक जुनाभाई ने अलग नजरिए से देखा। वहीं उन्होंने अपने पूरे करियर में 80 किताबें प्रकाशित की हैं। साल 2008 में उनके कॉलम के आधार पर सब टीवी ने एक टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' शुरू किया और जल्द ही यह चैनल का प्रमुख और सबसे पसंदीदा शो बन गया। इस शो में अभिनेता शैलेश लोढ़ा ने तारक मेहता का किरदार निभाया था।

मृत्यु

वहीं लंबी बीमारी के बाद 01 मार्च 2017 को 87 साल की आयु में तारक जुनाभाई मेहता का निधन हो गया था। उनके परिवार में तारक जुनाभाई मेहता के शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया था।

सम्मान

तारक जुनाभाई मेहता को साल 2015 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म श्री' से नवाजा गया था। इसके अलावा साल 2011 में उनको साहित्य गौरव पुरस्कार और मरणोपरांत साल 2017 में रमनलाल नीलकंठ हास्य परितोषिक से सम्मानित किया गया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़