SD Burman Birth Anniversary: शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे S D Burman, ऐसे बने थे संगीत सम्राट
आज ही के दिन यानी की 01 अक्तूबर को हिंदी सिनेमा के गायक एसडी बर्मन का जन्म हुआ था। एसडी बर्मन शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 19 के दशक में शानदार गाने गाए हैं। बांग्लादेश में 01 अक्तूबर 1906 में एसडी बर्मन का जन्म हुआ था।
हिंदी सिनेमा के गायक एसडी बर्मन का आज ही के दिन यानी की 01 अक्तूबर को जन्म हुआ था। एसडी बर्मन को हिंदी सिनेमा में उनके संगीत के उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने संगीत को नया आयाम देने का काम किया। साथ ही उन्होंने 100 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। एसडी बर्मन ने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और मुकेश जैसे बेहतरीन व शानदार गायकों के साथ काम किया है। एसडी बर्मन शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 19 के दशक में शानदार गाने गाए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर एसडी बर्मन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
बांग्लादेश में 01 अक्तूबर 1906 में एसडी बर्मन का जन्म हुआ था। वह त्रिपुरा के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनकी मां का नाम राजकुमारी निर्मला देवी था, जोकि मणिपुर की शाही राजकुमारी थीं। वहीं एसडी बर्मन के पिता का नाम नवदीप चंद्र देव बर्मन था। जब एसडी बर्मन महज दो साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। वहीं एसडी बर्मन का विवाह मीरा दासगुप्ता से हुआ था। मीरा दासगुप्ता बंगाली और हिंदी फिल्मों के लिए गाने लिखती थीं।
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संगीत की सौगात
साल 1937 में एसडी बर्मन ने अपने संगीत कॅरियर की शुरूआत की थी। जिसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे हिंदी फिल्मों में अपने सिंगिंग करियर की शुरूआत की थी। बता दें कि हिंदी और बंगाली फिल्मों को मिलाकर बर्मन ने करीब 100 फिल्मों में अपने संगीत का जादू बिखेरा। उन्होंने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, तलत मेहमूद और आशा भोशले जैसे बेहतरीन सिंगरों के साथ मिलकर काम किया। वहीं एसडी बर्मन के बेटे आरडी बर्मन ने भी संगीत जगत में गाने गाए हैं।
यादगार गाने
बता दें कि हिंदी सिनेमा के संगीतकार सचिन देव बर्मन को एसडी बर्मन के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बंगाली सिनेमा के अलावा हिंदी सिनेमा में भी शानदार गीत दिए हैं। उन्होंने 'कोरा कागज था ये मन मेरा', 'मीत न मिला रे मन का', 'एक लड़की भीगी भागी सी', 'रूप तेरा मस्ताना', 'तेरी बिंदिया रे', 'आज फिर जीने की तमन्ना है' और 'अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी' जैसे एवरग्रीन गाने गाए हैं। 19 के दशक से लेकर आज के समय में भी लोग उनके द्वारा गाए गानों को सुनना व गुनगुनाना पसंद करते हैं।
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