दशकों तक समाजवादी नेता शरद यादव ने राजनीति में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
वरिष्ठ नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 12 जनवरी 2023 को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार के लोगों ने यह जानकारी दी। यादव 75 वर्ष के थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्री और एक पुत्र हैं।
शरद यादव एक प्रमुख समाजवादी नेता थे, जो 70 के दशक में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल कर चर्चा में आए और दशकों तक राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। वह लोकदल और जनता पार्टी से टूटकर बनी पार्टियों में रहे। वह अस्वस्थता के कारण अंतिम कुछ वर्षों में राजनीति में पूरी तरह सक्रिय नहीं थे। दिग्गज समाजवादी नेता ने बृहस्पतिवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। यादव को दिल्ली में उनके छतरपुर स्थित आवास पर अचेत होने के बाद अस्पताल ले जाया गया था। यादव 75 वर्ष के थे। यादव 1989 में वी. पी. सिंह नीत सरकार में मंत्री थे। उन्होंने 90 के दशक के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्य किया। 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने लालू प्रसाद यादव को एक समय उनका समर्थन प्राप्त था। शरद यादव उन प्रमुख समाजवादी नेताओं में से थे जिन्होंने देश की राजनीति में अपनी अलग छाप छोड़ी। बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) नेता नीतीश कुमार द्वारा 2013 में भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला करने के पहले वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक थे। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी गठित की लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने से राजनीति में उतने सक्रिय नहीं थे। उन्होंने 2022 में अपनी पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर लिया था।
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वरिष्ठ नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 12 जनवरी 2023 को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार के लोगों ने यह जानकारी दी। यादव 75 वर्ष के थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्री और एक पुत्र हैं। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक बयान में कहा गया है कि यादव को अचेत अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था। बयान में कहा गया है, ‘‘स्वास्थ्य जांच के दौरान, उनकी नाड़ी नहीं चल रही थी या रक्तचाप दर्ज नहीं किया गया... उपचार के सभी प्रयास नाकाम रहे। रात 10.19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।’’ यादव के सहयोगियों ने कहा कि वह 12 जनवरी की रात अपने छतरपुर आवास पर बेहोश हो गए और उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। यादव लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और नियमित रूप से ‘डायलिसिस’ करवाते थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यादव के निधन पर शोक जताया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘शरद यादव के निधन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे वर्षों में, उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से बहुत प्रेरित थे। मैं हमेशा अपनी बातचीत को संजोकर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शरद यादव के निधन पर दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। खरगे ने ट्वीट किया, देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जद(यू) के पूर्व अध्यक्ष, श्री शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूं। उन्होंने कहा, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर, उन्होंने समानता की राजनीति को मजबूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी शरद यादव के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मंडल मसीहा, वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता, मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं। कुछ कह पाने में असमर्थ हूं।’’ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने शरद यादव के परिवार के लोगों से बातचीत की। यादव ने कहा ‘‘दुख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार उनके परिजनों के साथ है।
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