Jaiprakash Narayan Birth Anniversary: जेपी की क्रांति से इंदिरा गांधी धो बैठी थी सत्ता से हाथ, जानिए संपूर्ण क्रांति का सफर

Jaiprakash Narayan
ANI

आज ही के दिन यानी की 11 अक्बूतबर को जयप्रकाश नारायण का जन्म हुआ था। वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता थे। उनकी एक आवाज पर देश का युवा सड़कों पर उतर आता था।

संपूर्ण क्रांति का नारा देने वाले जयप्रकाश नारायण का 11 अक्तूबर को जन्म हुआ था। वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता थे। संपूर्ण क्रांति के नारे से जयप्रकाश नारायण का तात्पर्य समाज के दबे-कुचले लोगों को सत्ता के शिखर पर देखना था। जयप्रकाश नारायण की एक आवाज पर युवाओं का हुजूम सड़कों पर उतर पड़ता था। बता दें कि वह 'लोकनायक' के नाम से भी फेमस थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जयप्रकाश नारायण के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और परिवार

यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित द्वाबा के सिताबदियारा में 11 अक्तूबर 1902 को जयप्रकाश नारायण का जन्म हुआ था। बता दें कि इनके पिता का नाम हरसू दयाल और मां का फूल रानी था। इन्होंने महज 9 साल की उम्र में अपना गांव छोड़ दिया था। उन्होंने पढ़ाई के लिए पटना के कॉलेजिएट स्कूल में दाखिला लिया। वह स्कूली दिनों में प्रताप और प्रभा जैसी पत्रिकाएं पढ़ा करते थे। वहीं साल 1922 में वह पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। उस दौरान उन्होंने मजदूरों को होने वाली तकलीफों के बारे में जाना। मार्क्स के समाजवाद से प्रभावित जेपी नारायण एमए करने के बाद साल 1929 में भारत वापस आ गए।

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आजादी की लड़ाई में जेपी की भूमिका

उस दौरान भारत में स्वतंत्रता के लिए संग्राम चरम पर था। इस आजादी की लड़ाई में जयप्रकाश नारायण भी कूद पड़े। जब महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु जेल गए, तो देश के अलग-अलग हिस्सों में जेपी ने आंदोलन को मजबूत करने का काम किया। हालांकि ब्रिटिश सरकार ने उनको गिरफ्तार कर नासिक जेल में बंद कर दिया। देश की आजादी से पहले जो जयप्रकाश कांग्रेस के साथ खड़े दिखाई देते थे, वहीं दो दशक के बाद देश की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार के खिलाफ उतर आए। 

इंदिरा ने दिया इस्तीफा

बता दें कि जब साल 1975 में चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से इंदिरा गांधी से इस्तीफे की मांग हुई, जो देश में आपातकाल लगा दिया गया। इस दौरान जेपी समेत तमाम विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। वहीं साल 1977 में जब इमरजेंसी खत्म हुई और मार्च 1977 में चुनाव हुए, तो देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनीं और इसका चेहरा जयप्रकाश नारायण थे। 

मौत

पटना में 08 अक्तूबर 1979 को जयप्रकाश नारायण का हृदय रोग से निधन हो गया।

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