BR Chopra Death Anniversary: पहली फिल्म फ्लॉप होने पर दिवालिया हुआ परिवार, फिल्म अफसाना से BR Chopra ने लिखी सफलता की कहानी
बॉलीवुड के महान निर्माता-निर्देशकों में बलदेव राज चोपड़ा का नाम उन हस्तियों में शुमार हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री को एक नए मुकाम तक पहुंचाने का काम किया। आज ही के दिन यानी की 5 नवंबर को बी आर चोपड़ा का निधन हो गया था।
बॉलीवुड के महान निर्माता-निर्देशकों में बलदेव राज चोपड़ा का नाम उन हस्तियों में शुमार हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री को एक नए मुकाम तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने इंडस्ट्री को ना जाने कितनी हिट फिल्में और टीवी शोज दिए। बी आर चोपड़ा ना सिर्फ एक कमाल के सिनेमेटोग्राफर बल्कि एक कमाल के इंसान भी थे। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 5 नवंबर को बी आर चोपड़ा का निधन हो गया था। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर बी आर चोपड़ा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
महान निर्माता-निर्देशक बी आर चोपड़ा का जन्म 22 अप्रैल 1914 को लुधियाना में हुआ था। वहीं उन्होंने अपनी पढ़ाई पाकिस्तान की लुधियाना यूनिवर्सिटी से पूरी की। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी से एमए की डिग्री हासिल की। साल 1947 में देश के विभाजन के दौरान वह लाहौर छोड़कर दिल्ली आ गए। फिर दिल्ली से मुंबई जाकर अपने सपनों को पूरा करने में जुट गए। बता दें कि बी आर चोपड़ा ने बतौर जर्नलिस्ट अपने करियर की शुरूआत की थी।
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फिल्मी सफर
साल 1948 में उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की थी। हांलाकि बी आर चोपड़ा की पहली फिल्म करवट बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई थी। वहीं साल 1951 में फिल्म अफसाना से उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। इस फिल्म में अशोक कुमार ने डबल रोल किया था। इस समय के बाद बी आर चोपड़ा का करियर ग्राफ काफी तेजी से ऊपर जा रहा था। इसके बाद उन्होंने अपने खुद के प्रोडक्शन हाउस बीआर फिल्म्स की शुरूआत की।
इस बैनर के तले बी आर चोपड़ा ने कई सफल फिल्मों का निर्देशन किया। जिसमें पति पत्नी और वो, निकाह, छोटी सी बात, द बर्निंग ट्रेन, नया दौर, हमराज, कानून, बागबान, बाबुल आदि उनकी सफल फिल्मों में शामिल हैं। सिनेमा जगत में आशा भोसले को लाने का श्रेय बी आर चोपड़ा को जाता है। फिल्म नया दौर में उड़े जब-जब जुल्फें तेरी में आशा भोसले ने पहली बार अपनी आवाज दी थी।
विदेशी फिल्ममेकर ने उड़ाया मजाक
बी आर चोपड़ा जब लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे थे, तो उनके साथ कुछ ऐसा हुआ। जिसके चलते फिल्म इंडस्ट्री में उनकी एक अलग छवि बन गई थी। दरअसल, बीआर चोपड़ा के सामने एक विदेशी फिल्ममेकर ने बॉलीवुड का मजाक उड़ाते हुए कहा हिंदी सिनेमा के नाम पर वह सब सिर्फ नाच गाना दिखाते हैं, अगर हिंदी फिल्मों में गाने ना हों, तो उन्हें कौन देखेगा। बी आर चोपड़ा ने विदेशी फिल्ममेकर की इस बात गंभीरता से लिया और 'कानून' नाम की एक कोर्टरूम ड्रामा फिल्म बनाई। बता दें कि इस फिल्म में एक भी गाना नहीं थी। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई।
बी आर चोपड़ा ने बनाई महाभारत
साल 1980 में बी आर चोपड़ा ने महाभारत के रूप में ऐसा शो बनाया कि हर कोई उनका कायल हो गया। उस दौरान महाभारत 9 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई थी। हांलाकि महाभारत में द्रौपदी के रोल के लिए वह जूही चावला को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन डेट्स ना होने के कारण जूही ने इसे करने से इंकार कर दिया। तब द्रौपदी के रोल को रूपा गांगुली ने किया। बताया जाता है कि 80 के दशक के आखिरी में रविवार को सुबह 10 बजे दूरदर्शन पर महाभारत का प्रसारण होता है।
इसे देखने के लिए देशभर कि धड़कने थम जाती थीं। एक घंटे के इस सीरियल को देखने के लिए लोग अपना काम तक छोड़ देते थे। 94 एपिसोड का महाभारत करीब 2 साल तक टीवी पर आता रहा। हांलाकि इसके बाद भी ना जाने कितनी बार बी आर चोपड़ा की महाभारत टीवी पर प्रसारित की गई। वहीं साल 1998 में बीआर चोपड़ा को हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से नवाजा गया। इसके साथ ही 1960 में प्रदर्शित फ़िल्म 'क़ानून' के लिए बीर आर चोपड़ा को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में फिल्म फेयर पुरस्कार नवाजा गया।
मौत
आपको बता दें कि बी आर चोपड़ा की आखिरी फिल्म 'भूतनाथ' रही। जिसमें अमिताभ बच्चन ने एक भूत का किरदार निभाया था। वहीं 5 नवंबर, 2008 को उनका 94 साल की उम्र में बी आर चोपड़ा का निधन हो गया।
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