Chhatrapati Shivaji Death Anniversary: छत्रपति शिवाजी ने रखी थी 'स्वराज' की नींव, कहे जाते थे नौसेना के जनक

मराठा साम्राज्य के संस्थापक और भारत के महान राजा छत्रपति शिवाजीराजे भोसले 03 अप्रैल को निधन हो गया था। शिवाजी महाराज भारत के सबसे महान योद्धाओं और कुशल प्रशासकों में से एक थे। शिवाजी महाराज का जीवन लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
आज ही के दिन यानी की 03 अप्रैल को मराठा साम्राज्य के संस्थापक और भारत के महान राजा छत्रपति शिवाजीराजे भोसले का निधन हो गया था। गंभीर बुखार के चलते 03 अप्रैल 1680 को शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई थी। छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे महान योद्धाओं और कुशल प्रशासकों में से एक थे। शिवाजी महाराज का जीवन लोगों के लिए प्रेरणादायक है और वह अपनी नीतियों के लिए भी जाने जाते थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी
साल 1674 में शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। उन्होंने अपना रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था। शिवाजी ने हिंदवी स्वराज्य की संकल्पना को साकार किया था। इसके साथ ही उन्होंने निजामशाही, मुगलों और आदिलशादी जैसे शक्तियों के साथ संघर्ष कर स्वतंत्र राज्य की नींव रखी थी।
नौसेना के जनक थे शिवाजी
शिवाजी महाराज ने भारतीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक शक्तिशाली नौसेना का गठन किया था। इसके लिए उन्होंने कई अहम किलों को समुद्री तटों पर बनवाया और विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा की। इसलिए शिवाजी महाराज को भारतीय नौसेना का जनक भी कहा जाता था।
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शिवाजी सभी धर्मों का करते थे सम्मान
छत्रपति शिवाजी महाराज सभी धर्मों का सम्मान करते थे और कभी भी जबरन धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने अपने शासन काल में हिंदू और मुस्लिम दोनों को उच्च पदों पर नियुक्त किया था। वह एक धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय शासक थे।
गुरिल्ला युद्ध के जनक
छत्रपति शिवाजी महाराज छापामार युद्ध यानी गुरिल्ला युद्धनीति में निपुण थे। उन्होंने अपनी इस शक्तिशाली युद्धनीति से मुगलों और अन्य शत्रुओं को कई बार हराया था। शिवाजी महाराज ने दुर्गों का रणनीतिक रूप से उपयोग किया और तेजी से हमले कर दुश्मनों को चौंका देते थे।
कर व्यवस्था
बता दें कि शिवाजी महाराज ने एक संगठित प्रशासन प्रणाली बनाई थी, इस प्रणाली में अष्टप्रधान मंडल शामिल थी। शिवाजी ने कर व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के साथ जनता के हित में नीतियां लागू की थीं। इन नीतियों से मराठा साम्राज्य एक सशक्त और स्थिर राज्य बना। छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महान योद्धा नहीं बल्कि एक दूरदर्शी प्रशासक और कुशल रणनीतिकार थे।
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