दुनिया के सबसे प्रचलित खेलों में शुमार Shooting से है भारत को सर्वाधिक पदकों की उम्मीद
शूटिंग देश और दुनिया में लगातार अपनी लोकप्रियता में इजाफा कर रहा है। 2008 में चीन की राजधानी बीजिंग में हुए ओलंपिक खेलों में एकल स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीतकर इस खेल को भारत में भी लोकप्रिय बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। बाकी अन्य खेलों की तुलना में शूटिंग एक महंगा खेल है।
दुनिया के सबसे प्रचलित खेलो में शुमार शूटिंग देश और दुनिया में लगातार अपनी लोकप्रियता में इजाफा कर रहा है। 2008 में चीन की राजधानी बीजिंग में हुए ओलंपिक खेलों में एकल स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीतकर इस खेल को भारत में भी लोकप्रिय बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। बाकी अन्य खेलों की तुलना में शूटिंग एक महंगा खेल है। क्योंकि इसमें निशाना लगाने के लिए आपके पास एक महंगी गन होनी चाहिए। लेकिन, कई खिलाड़ी आर्मी और एनसीसी ज्वाइन करके भी शूटिंग में देश का नाम रोशन कर रहे हैं जिसमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सबसे बड़ा उदाहरण हैं।
खेल के नियमों के तहत इसमें बुलेट से एक निश्चित लक्ष्य पर निशाना लगाना होता है जिन्हें क्लेन नाम से जाना जाता है। ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी हमेशा से ही एक स्थाई खेल रहा है, लेकिन 1904 और 1928 के खेलों में इसे शामिल नहीं किया गया था। प्रत्येक स्पर्धा में इस्तेमाल होने वाली गन के आधार पर इस खेल को तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें राइफल, पिस्टल और शॉटगन शामिल हैं। जिसके तहत राइफल और शॉटगन में तीन-तीन, तो वहीं पिस्टल में 6 इवेंट होते हैं।
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में घुटने टेककर, लेटकर और खड़े होकर पुरुषों को 40-40 राउंड फायरिंग करनी होती है। जबकि महिलाओं के लिए 20-20 राउंड निश्चित है। तो वहीं, 50 मीटर राइफल प्रोन में लेट कर शॉट शॉट लगाने होते हैं। इसके अलावा 10 मीटर एयर राइफल में खड़े होकर शूटिंग करनी होती है। इसमें पुरुषों को 60 राउंड और महिलाओं को 40 राउंड गोलियां चलानी होती है। इस खेल के पिस्टल में 6 इवेंट होते हैं। जिनमें 50 मी पुरुषों के लिए हैं और इसमें 60 + 20 व 30 मी लड़कियों के लिए है। और इसमें रैपिड फायर में 30 30 गोलियां चलनी होती हैं।
50 मीटर रैपिड फायर में एक शूटर को 5 टारगेट पर डिफरेंट टाइम के बीच फायर करता है। यह पुरुषों के लिए इवेंट है। 25 मी सेंटर फायर भी पुरुषों का इवेंट है। जिसमें दो राउंड में 60 गोलियां चलानी होती हैं। 50 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल भी पुरुषों के लिए ही है इसमें तीन-तीन राउंड में अलग-अलग समय में 20 राउंड फायर करनी होती है। 10 मीटर एयर पिस्टल में पुरुषों को 60 और महिलाओं को 40 राउंड गोली चलानी होती है।
खेल की एक अहम स्पर्धा ट्रैप शूटर में खिलाड़ी को बंदूक सीधी रखकर टारगेट पर गोली चलानी होती है। डबल ट्रैप में दो नकली वर्ड पर निशाना लगाना होता है। तो वहीं, स्पीड में दो अलग-अलग दिशाओं से नकली वर्ड आता है जिसे शूट करना होता है। 2024 के पेरिस ओलंपिक में इस खेल में भारत को अधिक से अधिक पदक की आस है। जिसमें 10 मीटर एयर राइफल में शरबजोत सिंह से, 10 मी पुरुषों की एयर राइफल में अर्जुन बबूता और महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में त्रिलोतमा सेन से मेडल की आस है। 25 मीटर पिस्टल में मनु भाकर से अनीश भानवाला से पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में महिलाओं की 50 मीटर में श्रेयंका से मेडल की आस है।
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