जीशान सिद्दीकी भी थे निशाने पर, लेकिन...सलमान से दोस्ती या फिर SRA री-डेवलपमेंट तो नहीं बाबा को टारगेट बनाने की वजह?
जीशान खाना खाने के लिए पहले ही निकल चुके थे। सूत्रों ने बताया कि अगर जीशान सिद्दीकी खाने के लिए निकले नहीं होते, तो उनकी भी हत्या हो सकती थी। जीशान बांद्रा से ही कांग्रेस विधायक हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में SRA री-डेवलपमेंट को लेकर विवाद चल रहा था। इस री-डेवलपमेंट के तहत झुग्गियों को तोड़कर वहां रह रहे लोगों को हटाया जाना था। इसके विरोध में जीशान ने अनशन भी किया था। री-डेवलपमेंट के विरोध को लेकर बाबा सिद्दीकी को धमकी भी दी गई थी।
एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दकी की 12 अक्टूबर की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्हें निर्देश मिले थे कि बाबा सिद्दीकी ही नहीं उनके बेटे जिशान भी उनके निशाने पर थे। खबर के अनुसार शूटर्स को निर्देश मिले हुए थे कि जो भी मिले उसे मार डालो। पूछताछ में आरोपियों ने अपने प्लान के बारे में भी बताया है। खबरों के अनुसार आरोपियों ने पहले बाबा सिद्दीकी और फिर उनके बेटे की आंखों पर काली मिर्च वाला स्प्रे मारना चाहते थे उनका सोचना था कि ऐसे सिद्दीकी परिवार के लोगों को दिखना बंद हो जाएगा। लेकिन ये प्लान पूरा नहीं हो पाया क्योंकि इस केस के आरोपी शिव कुमार गौतम ने सारे प्लान छोड़ते हुए फायर प्लान खोल दिया। जिससे अन्य आरोपियों को भी पहले ही फायर करना पड़ा। बाबा सिद्दीकी के साथ एक और व्यक्ति को गोली लगी थी। जिस समय गोली जीशान सिद्दीकीचली वो मौका-ए-वारदात से गुजर रहा था। उसी समय व्यक्ति को गोली लग गई। उसे उपचार के लिए भाभा अस्पताल भर्ती कराया गया।
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जीशान भी निशाने पर
सूत्रों ने बताया कि जीशान खाना खाने के लिए पहले ही निकल चुके थे। सूत्रों ने बताया कि अगर जीशान सिद्दीकी खाने के लिए निकले नहीं होते, तो उनकी भी हत्या हो सकती थी। जीशान बांद्रा से ही कांग्रेस विधायक हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में SRA री-डेवलपमेंट को लेकर विवाद चल रहा था। इस री-डेवलपमेंट के तहत झुग्गियों को तोड़कर वहां रह रहे लोगों को हटाया जाना था। इसके विरोध में जीशान ने अनशन भी किया था। री-डेवलपमेंट के विरोध को लेकर बाबा सिद्दीकी को धमकी भी दी गई थी।
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बिश्नोई ने स्वयं कभी किसी की हत्या नहीं
दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, बिश्नोई ने स्वयं कभी किसी की हत्या नहीं की, फिर भी वह सबसे खूंखार गैंगस्टर में से एक बन गया है, जो गुजरात की जेल सेगिरोह चला रहा है, तथा उसकी कार्यप्रणाली भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर जैसी ही है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार, बिश्नोई का अब देश भर में 700 सदस्यों का एक मजबूत गिरोह है, जिसमें शार्पशूटर भी शामिल हैं, तथा उन्हें गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई, विक्रमजीत सिंह, काला जठेड़ी और काला राणा जैसे अन्य कुख्यात गैंगस्टर की मदद भी मिलती है।
भाई अनमोल संभालता है इंटरनेशनल गतिविधियां
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का जिले का निवासी है, जिसने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया है। रिकॉर्ड के अनुसार, किसान के बेटे बिश्नोई के पास पंजाब में लगभग 100 एकड़ ज़मीन है। उसके दाहिने हाथ पर हनुमानजी का टैटू बना हुआ है और वह अपनी ड्राइविंग और सटीक निशाना साधने की क्षमता के लिए जाना जाता है। बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल, जो राजस्थान के एक कॉलेज में पढ़ता था, अब उसके गिरोह में शामिल हो गया है, जो देश के बाहर से अपनी गतिविधियां संचालित करता है।
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