योगी आदित्यनाथ ने कहा- शोध की संभावनाओं को आगे नहीं बढ़ा कर हम पिछड़ गए हैं

Yogi of UP
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मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कन्वेंशन सेंटर में मिशन निरामया: की शुरुआत करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में शोध की सम्भावनाओं को समयानुरूप आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को कहा कि किसी भी समाज की प्रगति के लिए दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों शिक्षा तथा स्वास्थ्य का विकास आवश्यक है और इसके बगैर सुसभ्य और स्वस्थ समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किये जाने से हम पिछड़ गये और दुनिया आगे बढ़ गयी।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कन्वेंशन सेंटर में मिशन निरामया: की शुरुआत करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में शोध की सम्भावनाओं को समयानुरूप आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया। परिणामतः दुनिया बहुत आगे बढ़ गयी और हम पिछड़ गये। उनकी नकल करना हमारी मजबूरी हो गयी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वर्ष 2017 में प्रदेश में नई शुरुआत की गयी।

सभी क्षेत्रों में प्रदेश के विकास तथा नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए अभियान आगे बढ़ाया गया। मिशन निरामयाः उसी कड़ी का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में (शिक्षा और स्वास्थ्य) भारत कभी विश्व गुरु के रूप में स्थापित था तथा उत्तर प्रदेश, देश में अग्रणी था। उन्‍होंने कहा कि उस समय भारत के प्रसिद्ध गुरुकुलों में अध्ययन के लिए लोग आते थे; नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला तथा काशी के विश्वविद्यालय इस बात के उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की स्वास्थ्य पद्धति दुनिया की सबसे प्राचीनतम स्वास्थ्य पद्धतियों में से है। शनिवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार ‘मिशन निरामया: ’ को एक व्यापक सुधार कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है। इसका उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव लाना है। बयान के अनुसार मिशन निरामयाः में ऐसे सुधारों की परिकल्पना की गई है, जो प्रदेश को देश में नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाने की योग्यता रखते हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा मिशन निरामयाः में सात कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी, जिनमें ‘मेन्टर प्रोग्राम’, संस्थानों की रेटिंग, नर्सों की नियुक्ति, करियर परामर्श, रोजगार के अवसर, डिजिटल मंच का निर्माण तथा निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करना शामिल हैं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाज में चिकित्सा की उच्च कोटि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कार्य कर रही है और विगत साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गयी है। पाठक ने कहा कि जो पुण्य गंगा नहाने से मिलता है, वही अस्पताल में मरीज की सेवा करने से प्राप्त हो जाता है। कार्यक्रम को राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी संबोधित किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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