योगी आदित्यनाथ ने राज्य में विद्युत उत्पादन, पारेषण, वितरण व्यवस्था की समीक्षा की
बिजली का उपभोग करने वाले हर उपभोक्ता की यह जिम्मेदारी है कि वह समय से बिजली बिल का भुगतान करे। ऊर्जा विभाग/विद्युत निगमों को बिल के समयबद्ध संकलन के ठोस प्रयास करने होंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था की समीक्षा की और बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विद्युत उपभोक्ताओं को समय से बिजली बिल मिले और किसी उपभोक्ता को गलत बिल न मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश का हर मजरा, गांव व नगर बिजली से रोशन हुआ है। राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है। राज्य सरकार प्रदेश में 24 घंटे आबाधित विद्युत आपूर्ति के लिए संकल्पित हैं। विद्युत आत्मनिर्भरता के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि आज विद्युत विभाग/पावर कॉरपोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, सही बिल और समय पर बिल उपलब्ध कराना तथा सभी उपभोक्ताओं से बिल की राशि का संग्रह करना।
योगी ने कहा कि हर दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी उपभोक्ता को गलत बिजली बिल न मिले और सभी को समय से बिल मिल जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान तो करता ही है साथ ही, व्यवस्था के प्रति निराशा आती है और वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। ऐसे में समय से बिल और सही बिल दिया जाना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी ‘डिस्कॉम’ (बिजली कंपनियों) को ठोस प्रयास करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति होती रहे, इसके लिए बिल का भुगतान जरूरी है। बिजली का उपभोग करने वाले हर उपभोक्ता की यह जिम्मेदारी है कि वह समय से बिजली बिल का भुगतान करे। ऊर्जा विभाग/विद्युत निगमों को बिल के समयबद्ध संकलन के ठोस प्रयास करने होंगे।
बकायेदारों से लगातार सम्पर्क व संवाद करें।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती न हो। ट्रांसफॉर्मर जलने/तार गिरने जैसी समस्याओं का बिना विलम्ब निस्तारण किया जाए। फीडर वाइज जवाबदेही तय की जाए। सभी ‘डिस्कॉम’ से बेहतर संवाद हो। बिजली चोरी करने वालों के विरुद्ध पूरी सख्ती से नियमानुसार कार्रवाई की जाए, किन्तु जांच के नाम पर उपभोक्ता का उत्पीड़न न हो। यदि ऐसी शिकायत मिलीं, तो सम्बन्धित कर्मी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए।
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