तारीखों की घोषणा होते ही योगी ने क्यों कहा- यह चुनाव 80 बनाम 20 फीसदी के बीच होगा
योगी ने 'कितना बदला यूपी' कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए हुए कहा, 'हम लोग जब 2017 में सरकार में आये थे तो हमने एक चीज उस दिन तय कर ली थी कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र को अंगीकार करते हुए कार्य करेगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान का स्वागत करते हुए कहा है कि लोकतंत्र के महापर्व में चुनाव की तिथियों की घोषणा का स्वागत है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियों के आधार पर जनता जनार्दन के आशीर्वाद से प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने में सफल होगी। योगी ने साथ ही 'सबका साथ सबका विकास, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं’ के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि आगामी चुनाव अस्सी बनाम बीस फीसदी के बीच होगा। उन्होंने कहा, ''80 फीसदी समर्थक एकतरफ होगा, 20 फीसदी दूसरी तरफ होगा।'' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 80 फीसदी सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे जबकि बीस फीसदी ने हमेशा विरोध किया है, आगे भी विरोध करेंगे लेकिन सत्ता भाजपा की आएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा फिर ‘सबका साथ सबका विकास’ के अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेगी।’’
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योगी ने दूरदर्शन कान्कलेव के समापन अवसर पर 'कितना बदला यूपी' कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए हुए कहा, 'हम लोग जब 2017 में सरकार में आये थे तो हमने एक चीज उस दिन तय कर ली थी कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र को अंगीकार करते हुए कार्य करेगी। हमने विकास योजनाओं का लाभ सबको दिया हैं, विकास सबका किया है, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नही किया।' उन्होंने कहा कि अगर कोई इसे हमारी कमजोरी मानता है तो यह कमजोरी हमेशा हमारे साथ रहेगी, क्योंकि राष्ट्रवाद हम सबका संस्कार है। अपने इस राष्ट्रवाद के मुद्दे से हम लोग कभी भी विचलित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई भारत विरोधी तत्व और हिन्दू विरोधी तत्व मोदी जी और योगी को कैसे स्वीकार्य कर लेगा, वह हमें कभी भी स्वीकार्य नहीं करेगा। मैं अपनी गर्दन काटकर के तश्तरी में उसके सामने प्रस्तुत कर दूं तो भी वह मुझे कोसेगा ही। ऐसे तत्वों की हम परवाह नहीं करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'मेरी प्रतिबद्धता प्रदेश की 25 करोड़ जनता है, बिना भेदभाव के मुझे उनके लिए कानून का शासन स्थापित करना है और हम लोग उन लक्ष्यों को बढ़ रहें हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं जो गलतफहमी के शिकार हैं, वे ही अपने आंकड़े प्रदेश में थोपने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह चुनाव अस्सी बनाम बीस का होगा, अस्सी फीसदी समर्थक एकतरफ होगा, बीस फीसदी दूसरी तरफ होगा।’’ विधानसभा चुनाव की बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, 'साल भर में जो विद्यार्थी मेहनत नहीं करता है, कक्षा में नहीं जाता है, उसकी समझ में चीजें स्पष्ट नहीं होती हैं। उसे ज्यादा घबराहट होती है। लेकिन जिसने नियमित रूप से अपनी कक्षायें की हों, जिसने अपना कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया हो और हर एक क्षेत्र में अच्छा करने का प्रयास किया हो तो उसके लिए अपनी उपलब्ध्यिों को लेकर के जाने का उत्साह होता है।'' उन्होंने कहा कि मुझे लगता हैं कि मैं उन विद्यार्थियों में से हूं जिसने पूरी तन्यमयता के साथ पार्टी के विजन को पार्टी के लोक कल्याण संकल्प पत्र को जमीनी धरातल पर उतारने का काम किया है।’’ उन्होंने कहा, 'विपक्ष के लिए यह धुकधुकी जरूर पैदा होगी कि अगली बार वे विपक्ष में बैठने लायक रहेंगे या नहीं रहेंगे। मुझ जैसे व्यक्तियों के लिए या भारतीय जनता पार्टी के लिए कोई घबराहट नहीं बल्कि एक उत्सव होगा और चुनाव को हम लोग भी एक उत्सव के रूप में लेकर उसका आनंद भी लेंगे।'
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भाजपा को बड़ी कामयाबी
दूसरी ओर, पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को आज तब बड़ी कामयाबी मिली जब भारतीय जनता पार्टी की पार्षद सरबजीत कौर को शनिवार को चंडीगढ़ नगर निगम की नई महापौर चुन लिया गया। उन्होंने आम आदमी पार्टी की अंजू कत्याल को सीधे मुकाबले में केवल एक मत से पराजित कर यह उपलब्धि हासिल की। चुनाव में कुल 36 में से 28 मत पड़े और कांग्रेस तथा अकाली दल के पार्षदों ने मतदान नहीं किया। अधिकारियों ने बताया कि सरबजीत कौर को 14 जबकि कत्याल को 13 वोट मिले और एक मत को अवैध घोषित कर दिया गया। नतीजे घोषित होने के बाद, आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में हंगामा किया और उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। हम आपको बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजे 27 दिसंबर को घोषित किये गए थे जिसमें 35 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 14 और भाजपा को 12 पर विजय प्राप्त हुई थी। कांग्रेस को आठ तथा अकाली को एक सीट मिली थी। हालांकि, कांग्रेस की पार्षद हरप्रीत कौर बबला चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ दिनों बाद भाजपा में शामिल हो गई थीं। 35 पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ के सांसद जो नगर निगम में पदेन सदस्य हैं, उनको भी मतदान का अधिकार है।
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