उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए योगेश गोयल को ‘देश रत्न अवार्ड’

Yogesh Kumar Goyal
Prabhasakshi

श्री गोयल ने वर्ष 1990 में पत्रकारिता की शुरूआत करने के बाद अपने छात्र जीवन में ही 19 साल की आयु में वर्ष 1993 में नशे के दुष्प्रभावों पर अपनी पहली पुस्तक ‘मौत को खुला निमंत्रण’ लिखी थी, जिसे उस समय जिला प्रशासन सहित पांच विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया गया था।

वरिष्ठ पत्रकार योगेश कुमार गोयल को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए गैर-राजनीतिक संगठन ‘नेशनल अकाली दल’ द्वारा ‘देश रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में मुक्तधारा ऑडिटोरियम में आयोजित एक भव्य समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा तथा संगठन के पदाधिकारियों द्वारा प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि योगेश गोयल विगत 34 वर्षों से राजनीतिक तथा समसामयिक विषयों के अलावा पर्यावरण, सामरिक और समाज से जुड़े लगभग सभी महत्वपूर्ण विषयों पर देश के सभी प्रमुख समाचारपत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर लेखन कर रहे हैं। इनके लेख नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर, दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक जागरण, अमर उजाला, जनसत्ता, पंजाब केसरी, पाञ्चजन्य, सामना, राजस्थान पत्रिका, लोकमत समाचार इत्यादि अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।

श्री गोयल ने वर्ष 1990 में पत्रकारिता की शुरूआत करने के बाद अपने छात्र जीवन में ही 19 साल की आयु में वर्ष 1993 में नशे के दुष्प्रभावों पर अपनी पहली पुस्तक ‘मौत को खुला निमंत्रण’ लिखी थी, जिसे उस समय जिला प्रशासन सहित पांच विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया गया था। तीन दशक से भी ज्यादा लंबे पत्रकारिता कैरियर में कई प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्मानित हो चुके गोयल लगभग वर्ष 2000 से 2017 तक कुल 17 वर्षों तक तीन फीचर एजेंसियों का सम्पादन भी कर चुके हैं और अभी तक चौदह हजार से ज्यादा लेख तथा छह पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी अनेक विशेष वार्ताएं आकाशवाणी के रोहतक केन्द्र से प्रसारित हो चुकी हैं। हिन्दी अकादमी दिल्ली के आर्थिक सहयोग से पर्यावरणीय समस्याओं पर प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक ‘प्रदूषण मुक्त सांसें’ काफी चर्चित रही है। इसके अलावा उनकी दो अन्य पुस्तकों ‘जीव जंतुओं की अनोखी दुनिया’ तथा ‘दो टूक’ के लिए उन्हें हरियाणा साहित्य अकादमी से भी आर्थिक अनुदान मिल चुका है।

नेशनल अकाली दल की महिला विंग द्वारा संगठन के स्थापना दिवस और राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा के संघर्ष के 30 वर्ष के सम्मान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में पम्मा ने सभी उपस्थित सैंकड़ों प्रबुद्धजनों को शपथ दिलाकर वचनबद्ध किया कि वे देश और समाज के हित के लिए कार्य करेंगे, समाज और देश के प्रति वफादार एवं ईमानदार रहेंगे, देश के विकास में योगदान देते रहेंगे, गरीबों, जरूरतमंदों तथा बेसहारा लोगों की मदद करते रहेंगे और जो कोई भी देश की एकता और अखण्डता को तोड़ने का प्रयास करेगा, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे। समारोह में आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सेना के शहीद हुए पांच जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और सभी उपस्थित प्रबुद्धजनों को आंतकवाद के खिलाफ लड़ने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर एनएडी के अध्यक्ष ने ऐलान किया कि आंतकवाद के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी।

कार्यक्रम में स्कूली छात्रों और कलाकरों द्वारा अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, वहीं भरतनाट्यम के जरिये वंदेमातरम का मंचन करते हुए नृत्यांगनाओं ने ऐसा समां बांधा कि खचाखच भरा मंत्रमुग्ध हो गया। समारोह में यूपी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रही सूजन आनंद, शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक पद्मश्री जितेंद्र सिंह शेट्टी, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डा. आदित्य भाटी, कालरा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक व सीईओ डा. आर.एन. कालरा, नेशनल अकाली दल की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भावना धवन, ज्योतिषाचार्या डा. आचार्य जीतू सिंह, फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव, राजौरी गार्डन ब्रह्माकुमारी सेंटर की निदेशक बीके राजयोगिनी शक्ति बहन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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