यस बैंक-डीएचएफएल मामला: गोयनका, बलवा के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से अदालत का इनकार

Yes Bank-DHFL
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आरोपियों के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ को बरकरार रखने का कोई उद्देश्य नहीं है। सीबीआई ने हाल ही में विशेष अदालत के समक्ष मामले में अपना चौथा पूरक आरोपपत्र दायर किया।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा यस बैंक-डीएचएफएल धोखाधड़ी मामले में व्यवसायी विनोद गोयनका और शाहिद बलवा के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि उनके (गोयनका और बलवा के) खिलाफ आरोप नहीं बनते हैं। विशेष अदालत ने कहा कि दोनों को नोटिस जारी करने के लिए कोई मामला नहीं बनता क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उनका बैंक को धोखा देने का कोई इरादा था।

अदालत ने यह भी कहा कि दोनों ने डीएचएफएल से जो ऋण लिया था, वह पूरक आरोपपत्र दाखिल करने से पहले चुका दिया गया था। अदालत ने पूरक आरोपपत्र दायर करने से पहले इस बात का खुलासा न करने के लिए सीबीआई के जांच अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई।

अदालत ने अलग-अलग आदेशों में सीबीआई को गोयनका और बलवा के खिलाफ जारी ‘लुकआउट सर्कुलर’ को रद्द करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि एक बार जब आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया गया है तो आरोपियों के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ को बरकरार रखने का कोई उद्देश्य नहीं है। सीबीआई ने हाल ही में विशेष अदालत के समक्ष मामले में अपना चौथा पूरक आरोपपत्र दायर किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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