यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा को इस्तीफा दे देना चाहिए: भाजपा नेता

Yashwant Sinha, Shatrughan Sinha should resign, says BJP leader

तेलंगाना भाजपा के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने कहा कि अगर यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को शासन को लेकर ‘‘समस्याएं’’ हैं और उन्हें पार्टी के मंचों पर अपने मुद्दे उठाने का पर्याप्त मौका नहीं मिल रहा है तो उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए।

हैदराबाद। तेलंगाना भाजपा के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने कहा कि अगर यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को शासन को लेकर ‘‘समस्याएं’’ हैं और उन्हें पार्टी के मंचों पर अपने मुद्दे उठाने का पर्याप्त मौका नहीं मिल रहा है तो उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। राव ने कहा कि दोनों नेताओं ने बहुत पहले ही पार्टी की अनुशासनात्मक ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ पार कर दी थी। यशवंत सिन्हा ने ‘‘बेहद दोषपूर्ण’’ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करते हुए कहा कि देशवासी यह मांग कर सकते हैं कि वह उनके सामने आई परेशानियों के कारण इस्तीफा दें और उनका यह भी मानना है कि जेटली गुजरात के लोगों पर ‘‘बोझ’’ हैं। जेटली गुजरात से राज्यसभा सदस्य हैं।

अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में कहा कि अगर भाजपा ‘‘वन-मैन शो और टू-मैन आर्मी’’ से बचती है तो ही वह लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर पाएगी। राव ने कहा कि भाजपा वित्त मंत्री के खिलाफ यशवंत सिन्हा के गुस्से को ‘‘एक ऐसे व्यक्ति के असंतुष्ट होने के तौर पर देखती है जो सरकार में कोई हिस्सा चाहता है और उसे वह नहीं दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ इस नाराजगी के कारण कि उनके नाम पर प्रशासनिक या मंत्री पद के लिए विचार नहीं किया जा रहा, इसलिए वह वित्त मंत्री पर हमले कर रहे हैं। वरना यह कैसे सही साबित होता है कि उन्होंने केवल चुनाव के समय हमला किया।’’

राव ने कहा, ‘‘जब भी भाजपा चुनाव में उतरती है तो उसी समय यशवंत सिन्हा या शत्रुघ्न सिन्हा ऐसी टिप्पणियां करते हैं। यह बिहार, उत्तर प्रदेश के दौरान हुआ और अब यह हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात चुनाव के दौरान भी हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि यह कुटिल साजिश है जिसमें दुर्भाग्यपूर्ण रूप से वे फंस गए हैं। भाजपा का मानना है कि कोई और उनका इस्तेमाल कर रहा है।’’ राव ने कहा कि अगर दोनों नेता परेशान हैं और जिस तरीके से सरकार चलाई जा रही है, वे उससे चिढ़े हुए हैं तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद और यशवंत सिन्हा के ‘‘मार्गदर्शक मंडल’’ के तौर पर उन्हें पार्टी के मंचों पर अपने मुद्दे उठाने चाहिए। पार्टी उन्हें ऐसा करने के कई मौके देती है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यशवंत सिन्हा ऐसा नहीं करते बल्कि वह हमारे अपने नेताओं पर हमला करने के लिए केवल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। इससे ऐसा दिखता है कि वे दोनों देश में ‘विशेष हित वाली ताकतों’ के हाथों की कठपुतली बन गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि दोनों बहुत वरिष्ठ नेता हैं। अगर पार्टी को उनके खिलाफ कदम उठाना है तो बड़े स्तर पर इस पर चर्चा की जाएगी और फैसला बिना सोचे नहीं लिया जा सकता। भाजपा इस पर विचार करेगी। राव ने कहा, ‘‘आदर्श स्थिति यह है कि वह पार्टी से इस्तीफा दे दें। अगर उन्हें शासन में इतनी समस्याएं है और उन्हें पार्टी के भीतर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा तो उन्हें कदम उठाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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