अप्रेल में हुई महिला की मौत, सितंबर में लगी वैक्सीन और जारी हुआ सर्टिफिकेट
मृतिका के बेटे ने कहा है कि वह अपनी मां की गुमशुदगी दर्ज कराएगा। जिससे जिला प्रशासन यह बता सके कि उनकी मां को कब और कहां वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया था
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए लापरवाही की खबरें लगातार सामने आ रही है। अभी ताजा मामला छिंदवाड़ा से आया है। बताया जा रहा है कि जिले में अप्रैल में मृत महिला को स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर में वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी। और इसके साथ ही महिला के नाम सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया।
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दरसअल संचार कॉलोनी निवासी वैभव रत्नाकर ने कहा कि 5 अप्रैल 2021 को उनकी मां भाग्यलक्ष्मी रत्नाकर को वैक्सीन का पहला डोज लगा था। कुछ दिनों बाद उनकी हालत बिगड़ी और कोरोना का उपचार घर पर चला। जानकारी के मुताबिक 19 अप्रैल को उनकी मौत हो गई।
आपको बता दें कि मृतिका के बेटे ने कहा है कि वह अपनी मां की गुमशुदगी दर्ज कराएगा। जिससे जिला प्रशासन यह बता सके कि उनकी मां को कब और कहां वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया था।
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वहीं मां के साथ बेटे वैभव ने भी वैक्सीन का पहला डोज लगाया था। 4 अक्टूबर को जब उन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया तो उन्हें पता चला कि 7 सितंबर को ही उन्हें दूसरा डोज लग चुका है। जब उन्होंने अपना और मां का सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो देखा कि दोनों के नाम का फाइनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है।
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वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एल एन साहू ने इसको तकनीकी त्रुटि बता रहे है। उन्होंने कहा कि गलती की वजह से हुआ होगा। हम ऐसी शिकायतों पर गवर्मेंट ऑफ इंडिया को सूचित कर देते है।
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