क्या अब मदरसों में पढ़ाया जाएगा नया कुरान? शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने PM को पत्र लिखकर की ये मांग
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रिजवी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में मुसलमानों के आखिरी रसूल मोहम्मद के बाद कुरान ए मजीद को आखिरी बार इस्लाम के तीसरे खलीफा उस्मान के द्वारा तैयार करवाए जाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक अल्लाह की किताब मानकर इसे पढ़ा जाता है।
कुरान की 26 आयतों पर सवाल उठा सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देने वाले वसीम रिजवी ने एक बार फिर से कुरान का मुद्दा उठाया है। वसीम रिजवी ने 26 आयतों को हटवा कर नया कुरान लिखवाया है। सुप्रीम कोर्ट से जुर्माना लगाए जाने के बाद अब रिजवी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपने लिखे नए कुरान को मदरसों में पढ़ाने की इजाजत मांगी है। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रिजवी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में मुसलमानों के आखिरी रसूल मोहम्मद के बाद कुरान ए मजीद को आखिरी बार इस्लाम के तीसरे खलीफा उस्मान के द्वारा तैयार करवाए जाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक अल्लाह की किताब मानकर इसे पढ़ा जाता है।
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रिजवी ने कहा है कि कुरान की 26 आयतों की वजह से मुस्लिम समाज में आतंकी विचारधारा पैदा हो रही है। मेरी ओर से गहन अध्ययन के बाद पहले लिखवाए गए कुरान के सूरोह को सही क्रम में लगाया गया है औऱ इन आ.तों को हटवा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका
वसीम रिजवी की तरफ से कुरान की 26 आयतों को क्षेपक यानी बाद में जोड़ी गई आयतें बताते हुए उनको पवित्र किताब से हटाने का आदेश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। उनका कहना है कि इतिहास गवाह है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के निधन के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर ने उन चार लोगों को पैगंबर हजरत मोहम्मद पर नाजिल अल्लाह पाक के मौखिक संदेशों को किताब की शक्ल में संग्रहित करने को कहा। तब तक हजरत के मुख से समय-समय पर निकले संदेशों को लोग पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक तौर पर ही याद करते रहे।
लगा था 50 हजार का जुर्माना
देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी धार्मिक ग्रंथ में दखल देने से साफ इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिजवी की कुरान शरीफ से 26 आयतों को हटाने वाली याचिका खारिज करने के साथ ही याची पर 50 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया।
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