फैसला लेने को स्वतंत्र हैं...हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद LG करेंगे दिल्ली की AAP सरकार को बर्खास्त?

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 4 2024 4:21PM

कोर्ट ने दूसरी बार ये साफ किया है कि इस मामले में कोई भी फैसला लेना है या दिल्ली की सरकार नहीं चल पा रही है तो इस मामले में जो भी फैसला लेना है वो दिल्ली के उपराज्यपाल को लेना है। पिछली बार भी जब इस तरह की याचिका आई थी तो कोर्ट ने यही कहा था कि एलजी इस मामले में कोई भी फैसला कानून के मुताबिक लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें अपने फैसले के लिए किसी से भी सलाह-मशवरा करने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की याचिका खारिज कर दी है। पहले भी हाई कोर्ट ने इस तरह की याचिका एक बार खारिज की थी। कोर्ट ने कहा कि जब हम एक बार इस तरह की याचिका पर फैसला दे चुके हैं तो दोबारा कैसे अपने फैसले को पलटे? वैसे भी कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सरकार चल रही है या नहीं चल रही। ये तय करने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं है। एलजी इस मामले में सक्षम अधिकारी हैं। कोर्ट की तरफ से किसी तरह का कोई दिशा निर्देश देने की कोई जरूरत नहीं है। वो अपने आप कानून के हिसाब से फैसला लेने को स्वतंत्र हैं। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या दिल्ली की सरकार बर्खास्त हो सकती है। कोर्ट ने दूसरी बार ये साफ किया है कि इस मामले में कोई भी फैसला लेना है या दिल्ली की सरकार नहीं चल पा रही है तो इस मामले में जो भी फैसला लेना है वो दिल्ली के उपराज्यपाल को लेना है। पिछली बार भी जब इस तरह की याचिका आई थी तो कोर्ट ने यही कहा था कि एलजी इस मामले में कोई भी फैसला कानून के मुताबिक लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें अपने फैसले के लिए किसी से भी सलाह-मशवरा करने की जरूरत नहीं है। 

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कोर्ट ने साफ किया कि ये न्यायिक हस्तक्षेप का मामला नहीं है। बल्कि इस मामले में एलजी और राष्ट्रपति को पूरा फैसला लेने का अधिकार है। हालांकि कोर्ट ने आज एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रहित हमेशा व्यक्तिगत हित से बड़ा होता है। लेकिन ये किसी भी व्यक्ति का खुद के विवेक पर है कि वो क्या फैसला ले। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना जेल से सरकार चलाने की बात पर पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुके हैं। उन्होंने संकेत दिया कि अगर आम आदमी पार्टी इस बात पर जोर देती है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बावजूद अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। सक्सेना टाइम्स नाउ समिट 2024 में बोल रहे थे जब उनसे राजधानी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में पूछा गया। मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी।

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क्या है अनुच्छेद 239AB

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AB के अंतर्गत आता है। इस प्रावधान के तहत, यदि राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासन संवैधानिक प्रावधानों का पालन नहीं कर सकता है या यदि यह उचित प्रशासन के लिए आवश्यक है, तो उपराज्यपाल (एलजी) राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। अनुच्छेद 239AB राष्ट्रपति को विधानसभा की शक्ति को निलंबित करने की व्यापक शक्तियाँ प्रदान करता है। कानून बनाना, विधानसभा को पूरी तरह से निलंबित करना या भंग करना या यहां तक ​​कि राष्ट्रीय राजधानी के दैनिक प्रशासन के लिए कानून बनाना। 

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