सबूत के साथ माफियाओं की सूची दूंगा, क्या प्रशासन हिम्मत दिखाएगा : लक्ष्मण सिंह

Laxman Singh
दिनेश शुक्ल । Apr 2 2021 9:08PM

लक्ष्मण सिंह ने शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया को सीधे तौर पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाला मंत्री बताते हुए कहा कि पहले कहावत थी कि सैया भए कोतवाल तो डर काहे का, लेकिन गुना जिले में यह कहावत बदल गई है और लोग यहां कहते हैं कि संजू भैया भए कोतवाल तो डर काहे का।

गुना। मध्य प्रदेश की चांचौड़ा विधानसभा से कांग्रेस विधायक व दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। लक्ष्मण ने कहा कि वह गुना जिले के कई बड़े भू-माफियाओं के नाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपगे। इसके सबूत भी वह देंगे। अगर मुख्यमंत्री वाकई गंभीर हैं तो कार्रवाई करवाएं।

लक्ष्मण सिंह ने शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया को सीधे तौर पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाला मंत्री बताते हुए कहा कि पहले कहावत थी कि सैया भए कोतवाल तो डर काहे का, लेकिन गुना जिले में यह कहावत बदल गई है और लोग यहां कहते हैं कि संजू भैया भए कोतवाल तो डर काहे का। 

 

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कार्रवाई के नाम पर गरीबो को कर रहे परेशान

विधायक लक्ष्मण सिंह ने भू-माफियाओं के विरोध में तीखे तेवर दिखाते हुए दावा किया कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा वन भूमि पर कब्जा गुना जिले में है। यहां का प्रशासन छोटी-मोटी कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन बड़ी मछलियों पर हाथ नहीं डाला जा रहा है। विधायक ने कहा कि वह सुबूत समेत पूरी मुख्यमंत्री को देंगे, लेकिन उन्हें आशंका है कि हमेशा की तरह सेटिंग हो जाएगी और बड़ी मछलियां बच जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन में हिम्मत नहीं है कि वह बड़े माफियाओं पर हाथ डाले। जबकि शिवराज सिंह कहते हैं कि उन्होंने माफिया पर कार्रवाई की पूरी छूट जिला प्रशासन को दे रखी है, यदि ऐसा है तो वह आज ही कार्रवाई कर दें।

विधायक लक्ष्मण सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार गरीबों को आपस में लड़ाने का काम कर रही है। कार्रवाई के नाम पर गरीबों को परेशान किया जा रहा है। दो गरीब समाजों को आपस में लड़ाया जाता है। इसके बाद भू-माफिया उनकी आर्थिक कमजोरी का फायदा उठाते हुए जमीन गिरवी रख लेते हैं और धीरे-धीरे वह अपनी जमीन से ही हाथ धो लेते हैं।

 

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रेत खनन में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत

लक्ष्मण सिंह ने रेत के खनन में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहाकि जिलेभर में रेत का खनन करने के लिए पनडुब्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि पूरे राज्य में कहीं पनडुब्बी का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। विशेष परिस्थितियों में जेसीबी चलाने की अनुमति मिलना चाहिए, इसे हर जगह उपयोग में लिया जा रहा है। मप्र सरकार को रॉयल्टी का भारी नुकसान हो रहा है। विधायक ने कहाकि पुलिस अवैध उत्खनन में माफियाओं का साथ दे रही है। खनन के ठिकानों पर ठेकेदारों के आदमी के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी बैठते हैं और संरक्षण देते हैं।

 

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कुंभराज की घटना शर्मनाक

कुंभराज में एक दिन पहले पिता द्वारा अपने पुत्र के शव को ठेले पर ले जाने के मामले में विधायक ने इसे अत्यंत शर्मनाक घटना बताते हुए अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि शव वाहन दिलाना सरकार का काम होता है। राघौगढ़ और चांचौड़ा में शव वाहन है, आवश्यकता पड़ने पर उसे बुलाया जा सकता था। हर क्षेत्र में शव वाहन, एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था करना स्वास्थ्य मंत्रालय के जिम्मे है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में विधायक निधि से वे 25 लाख स्वीकृत कर चुके है जिसके उपयोग की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है।

कचरा वाहन खरीदने पैसा है...शव वाहन फायर ब्रिगेड के लिए नहीं

लक्ष्मण सिंह ने तंज कसते हुए कहाकि सरकार के पास कचरा वाहन खरीदने के लिए पैसे हैं, लेकिन शव वाहन और फायर ब्रिगेड जैसी अत्यंत आवश्यक सेवाओ  के लिए नहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि विधायक ही अपने निधि से सारी व्यवस्थाएं जुटाएंगे तो सरकार की जरूरत नहीं है। हम विधायक निधि से ही सारे काम करा लेंगे।

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