कोरोना कहर के बीच क्यों आई PM मोदी को महाभारत की याद? यहां समझिए
प्रधानमंत्री ने महाभारत का जिक्र किया तो कांग्रेस को इससे आपत्ति हो गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि इस महाभारत के समय हमें अपने डॉक्टरों को बचाने की जरूरत है। उनके भी परिवार हैं। जब वह सुरक्षित रहेंगे तभी वह दूसरों की देखभाल कर सकेंगे।
कोराना वायरस से लड़ाई की तुलना ‘महाभारत के युद्ध’ से करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 130 करोड़ महारथियों के बलबूते और सामाजिक दूरी बनाकर एवं घरों में रहकर देश इस युद्ध में जीत हासिल करेगा। मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये संवाद में कहा कि महाभारत का युद्ध 18 दिनों में जीता गया था। आज कोरोना के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए। उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण सारथी थे, कोरोना के खिलाफ युद्ध में 130 करोड़ महारथियों के बलबूते पर हमें जीत दर्ज करना है।
महाभारत क्या हैकोरोना को जवाब देने का दूसरा एक तरीका है और वो है- करुणा।
— BJP (@BJP4India) March 25, 2020
अगर हम अगले 21 दिन तक, जिनके भी पास ये करने की शक्ति है,
वो प्रतिदिन 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें।
इसके अलावा आपके आसपास जो पशु हैं, उनकी भी चिंता करनी है: पीएम मोदी #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/tCiN0M1s1E
महाभारत को भारत का सबसे ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ माना जाता है। इसे महाकाव्य का दर्जा हासिल है। इस ग्रंथ में लगभग एक लाख से ज्यादा श्लोक हैं। महाभारत का ही छोटा सा हिस्सा गीता है। गीता हिंदू धर्म का सबसे पवित्र धर्म ग्रंथ है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत में वेदों और अन्य हिंदू ग्रंथों का सार समाहित है। महाभारत को महर्षि वेदव्यास जी ने लिखा था।
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महाभारत युद्ध कहां हुआ था
महाभारत वर्तमान के हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था। इस क्षेत्र का चयन स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने किया था। जैसा कि कुरुक्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यहां आकर सभी लोग पाप मुक्त हो जाते हैं। यहां की उड़ी हुई धूल पापी को परम पद देते हैं। इसके साथ एक यह भी प्रचलन है कि जो कुरुक्षेत्र में मरता है वह पृथ्वी पर पुनः जन्म नहीं लेता है। महाभारत में कुरुक्षेत्र को धर्म क्षेत्र भी कहा गया है।
क्यों हुआ था महाभारत का युद्ध
यह युद्ध कौरव और पांडवों के बीच कुरू साम्राज्य की प्राप्ति के लिए लड़ा गया था। हालांकि इस युद्ध के कई और भी कारण थे। कुछ लोग कहते हैं कि अगर कौरव पांडवों को 5 गांव दे देते तो शायद यह युद्ध नहीं होता। कई लोग यह भी कहते हैं कि कौरव और पांडव यदि जुआ नहीं खेलते तो युद्ध टल सकता था। साथ ही साथ यह भी कहा जाता है कि अगर द्रौपदी को दांव पर नहीं लगाया जाता तो इस युद्ध की कोई भी संभावना नहीं थी और ना ही द्रौपदी दुर्योधन को अंधे का पुत्र कहती उसका चीरहरण नहीं होता और युद्ध टल जाता। खैर जो भी हो महाभारत को धर्म युद्ध माना जाता है। यह युद्ध तौर-तरीकों से हुआ था। पितामह भीष्म की सलाह पर दोनों ही दलों ने युद्ध के लिए कुछ नियम बनाए थे जिसका पालन लगातार होता रहा।
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लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर कोरोना वायरस की महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महाभारत क्यों याद आया? दरअसल इसके पीछे का एक कारण हम यह भी समझ सकते हैं कि जिस तरीके से महाभारत युद्ध के दौरान धर्म का पालन हुआ, जिस तरीके से कायदे-कानून का पालन हुआ, उसी तरीके से इस 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान जनता भी सरकार के निर्देशों का पालन करें। हम सभी को पता है कि हम किसी संघर्ष को अगर जीतने की क्षमता रखते हैं लेकिन उसके लिए हमें नियम और कायदों के साथ आगे बढ़ना होगा।
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इसके अलावा कुछ राजनीतिक विश्लेषक यह भी मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाभारत का जिक्र कर इस संकट की घड़ी में हिंदू कार्ड खेला है। साथ ही साथ वह हिंदू विचारधारा को इस जंग में एक साथ आने का आह्वान किया है। हालांकि इस बात में बहुत ज्यादा तर्क तो दिखाई नहीं देता पर इतना जरूर है कि प्रधानमंत्री ने अगर हिंदू धर्म ग्रंथों की बात की है तो राजनीति होनी है। हालांकि कुल मिलाकर हम इतना जरूर कह सकते हैं कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाभारत के जरिए लोगों से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए तैयार रहने की बात कही है तो इसमें कोई गलत नहीं है।
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फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वक्तव्य पर राजनीति शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने महाभारत का जिक्र किया तो कांग्रेस को इससे आपत्ति हो गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि इस महाभारत के समय हमें अपने डॉक्टरों को बचाने की जरूरत है। उनके भी परिवार हैं। जब वह सुरक्षित रहेंगे तभी वह दूसरों की देखभाल कर सकेंगे। उन्हें सबसे पहले अपने बचाव की जरूरी चीजों को उपलब्ध कराया जाए। कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि उस महाभारत के दौरान 18 दिनों में बहुत सी जाने गई थी लेकिन इस महाभारत में जीवन बचाने के लिए जंग लड़ना है।
In this Mahabharat :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 26, 2020
We first need to protect our doctors
They too have families
Only when they feel safe will they attend to others
Provide them Personal Protective Equipment immediately
Also
Provide them testing kits
The 18day Mahabharat lost many lives
Let’s save lives
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