Prajatantra: G20 और BRICS जैसे सम्मेलनों का चुनावों में कितना होगा असर, क्या BJP को मिलेगा लाभ
भाजपा की ओर से इसे विश्व में बढ़ते भारत के कद के रूप में वर्णित किया जा रहा है। भगवा पार्टी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की विदेश नीति मजबूत हुई है और जो भारत पहले दूसरे देशों की बात सुनता था, आज उसी भारत की बात को बड़े-बड़े देश ध्यान से सुनते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। तो वहीं भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और सितंबर में 20 आर्थिक शक्ति वाले देश के प्रमुख नेता इस महासम्मेलन में शामिल होने के लिए नई दिल्ली पहुंचेंगे। कहीं ना कहीं देश की सत्तारूढ़ भाजपा आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से इन सम्मेलनों को भुनाने में जुटी हुई है। भाजपा की ओर से इसे विश्व में बढ़ते भारत के कद के रूप में वर्णित किया जा रहा है। भगवा पार्टी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की विदेश नीति मजबूत हुई है और जो भारत पहले दूसरे देशों की बात सुनता था, आज उसी भारत की बात को बड़े-बड़े देश ध्यान से सुनते हैं।
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कैसे मिलेगा चुनावी फायदा
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व गुरु के तौर पर पेश किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही कुशल नेतृत्व में भारत को जी-20 की मेजबानी मिली। यह कहीं ना कहीं भारत के बढ़ते कद को दिखाता है। वैश्विक स्तर पर भारत की रणनीतिक जीत हुई है। भारत जी20 में अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों की मेजबानी करेगा। इससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि बदलेगी और यह सभी चीजें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता पर एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है। भाजपा इस पूरे मौके को इस तरीके से बनाने में जुटी है ताकि उसे आगामी चुनाव में फायदा मिल सके।
भारत की मेजबानी में हो रहे जी-20 सम्मेलन को भाजपा एक उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है। जब जी-20 के लिए लोगो जारी किया गया था तब भी बवाल हुआ था क्योंकि इसमें कमल का आकार दिया गया। कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह है। वर्तमान में देखे जाएं तो जी-20 की बैठक देश के कई शहरों में आयोजित की गईं। इसके जरिए भारत की संस्कृति का प्रदर्शन भी हुआ। वैश्विक नेताओं की ओर से भारत की सराहना भी की गई। भाजपा इसे मोदी सरकार की उपलब्धि के तौर पर पेश करेगी। जी-20 की बैठकों में भारत ने लगातार ग्लोबल साउथ की बात की है। भारत ने उन देशों का मुद्दा उठाया है जिनकी कोई नहीं सुनता। ऐसे में भाजपा इसे मोदी सरकार की रणनीति जीत के तौर पर पेश करेगी।
ब्रिक्स से भी होगा भाजपा
वहीं, अगर बात ब्रिक्स की करें तो कहीं ना कहीं इसमें भी भारत का बढ़ता हुआ कद दिखाई देता है। ब्रिक्स में चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत सदस्य हैं। वर्तमान में देखें तो वैश्विक स्तर पर भारत का दबदबा देखने को मिला है। ब्रिक्स को भाजपा की ओर से ऐसे मंच के रूप में पेश किया जाएगा जिससे कि लोगों को लगे कि वाकई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिली है। इसके जरिए भाजपा विभिन्न वर्गों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस लगातार भाजपा पर जी20 और ब्रिक्स जैसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के जरिए चुनावी लाभ उठाने का आरोप लगाती रहती है। कांग्रेस की ओर से इसे साफ तौर पर प्रचार बताया जाता है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री इवेंट मैनेजमेंट ही कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने लंबा-चौड़ा ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने लिखा कि G20 का गठन 1999 में हुआ था। 19 देश और यूरोपीयन यूनियन इसके सदस्य हैं। इसके गठन से लेकर अब तक बारी-बारी से 17 देशों में G20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है। अब भारत का नंबर है। उन्होंने कहा कि यहां इसे लेकर जिस तरह का चुनावी कैंपेन चलाया जा रहा है और माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, वैसा किसी भी दूसरे देश में नहीं हुआ। वास्तव में ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों के ज़रूरी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि इसी नई दिल्ली में 1983 में 100 से अधिक देशों का गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन और उसके बाद कॉमनवेल्थ देशों का शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित हो चुका है। लेकिन तब की सरकार ने चुनावी फ़ायदे के लिए उन मौकों का इस्तेमाल नहीं किया। जयराम रमेश ने कहा कि फिर मुझे लालकृष्ण आडवाणी की वह बात याद आ रही है। 5 अप्रैल 2014 को उन्होंने नरेंद्र मोदी को एक शानदार इवेंट मैनेजर बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री इवेंट मैनेजमेंट ही कर रहे हैं।
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कुल मिलाकर देखें तो जी20 जैसे सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है। लेकिन इसमें हर एक भारतीय का योगदान है। ऐसे मसले पर राजनीति ना हो तो ठीक है। किसी की ओर से चाहे जो भी मुद्दा बनाया जाए, लेकिन जनता सब कुछ देख कर और सोच समझ कर ही अपना फैसला लेती है। जनता को भी सब कुछ पता रहता है कि कब क्या हुआ और किसके जरिए किस मौके पर किसने चुनावी लाभ उठाया। यही तो प्रजातंत्र है।
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