Prajatantra: Gyanvapi पर CM Yogi के बयान के मायने क्या, Loksabha Election से कैसे है इसका कनेक्शन

yogi gyanvapi
ANI
अंकित सिंह । Jul 31 2023 3:51PM

योगी आदित्यनाथ के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यह जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे का विरोध किया है। इस मामले में कुछ दिन में फैसला भी सुनाया दिया जाएगा।

जैसे-जैसे 2024 नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं की ओर से चुनावी मुद्दे को लेकर रुख साफ किए जा रहे हैं। राजनीतिक हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश सबसे महत्वपूर्ण है। वैसे भी हमारे देश की राजनीति में एक बात की चर्चा खूब रहती है कि अगर आपको दिल्ली में राज करना है तो उत्तर प्रदेश को जीतना होगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। उत्तर प्रदेश सभी दलों के लिए काफी अहम है। उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए हिंदुत्व की प्रयोगशाला के रूप में भी रही है। एक ओर जहां राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है और दावा किया जा रहा है कि 2024 के शुरुआत में इसका शुभारंभ में भी हो सकता है। तो दूसरी ओर भाजपा उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के एजेंडे को बरकरार रखने के लिए कईं और मंदिरों को लेकर अपना रुख साफ करते हुए दिखाई दे रही है। 

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: राजनीति के केंद्र में क्यों आ जाते हैं हिंदू धर्म ग्रंथ, Ramcharitmanas के बाद अब Mahabharat की बारी!

योगी ने क्या कहा

इन सबके बीच ज्ञानवापी मुद्दा भी काफी चर्चा में है। इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। अब तक देखा जाए तो इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी थी। लेकिन कहीं ना कहीं आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद अब इसकी खूब चर्चा होने लगी है। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि ज्ञानवापी परिसर को मस्जिद नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान के लिए आगे आना चाहिए। ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ मंदिर मुद्दे के समाधान के बारे में पूछे जाने पर, उत्तर प्रदेश के सीएम ने एएनआई से कहा कि कहा, "अगर हम ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं तो विवाद होगा। मुझे लगता है कि लोगों को जांच करनी चाहिए - एक 'त्रिशूल' मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? योगी ने आगे कहा कि हमने तो इसे वहां नहीं रखा है। वहां ज्योतिर्लिंग है, भगवान की मूर्तियां हैं, दीवारें चिल्ला रही हैं और मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान का प्रस्ताव देना चाहिए। 

तेज हुई राजनीति

योगी आदित्यनाथ के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यह जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे का विरोध किया है। इस मामले में कुछ दिन में फैसला भी सुनाया दिया जाएगा। फिर भी उन्होंने इस तरह का बयान दिया है, यह न्यायिक अतिरेक है। इसके साथ ही ओवैसी ने 1991 के एक्ट का भी जिक्र किया। ओवैसी ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वॉरशिप एक्ट को सभी को मानना होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उसे नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा कि आप मुख्यमंत्री हैं, आपको कानून को पालन करना चाहिए। योगी के बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि हम अपने देश को कहां ले जाना चाहते हैं। ऐसे देश में तीन हजार मस्जिदों पर विवाद है। अगर ठहरे पानी में लाठी मारेंगे तो फिर हलचल होगी ही। हम अपने भाईयों के बीच दरार क्यों डाल रहे हैं। इससे जनता को नुकसान होगा सिर्फ वोट की राजनीति करने वालों को ही इसका फायदा है। ये सब सिर्फ 2024 के लिए हो रहा है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद है अगर ये मस्जिद नहीं होता तो ये मामला कोर्ट में जाता ही नहीं। उन्होंने कहा कि मामला अभी विचाराधीन है इसलिए जिम्मेदार नेता या मुख्यमंत्री को ये बात नहीं रखनी चाहिए। 

इतनी चर्चा क्यों

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा हिंदुत्व की राजनीति करती है। राम मंदिर आंदोलन और हिंदुत्व की राजनीति के रथ पर सवार होकर ही भाजपा देश की सत्ता में आई है। चुकिं राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, अब यह मामला खत्म हो चुका है। ऐसे में अपने हिंदुत्व को बरकरार रखने के लिए भाजपा को किसी अन्य मुद्दों की जरूरत होगी। शायद यही कारण है कि योगी आदित्यनाथ ने इस तरह का बयान दिया है। उत्तर प्रदेश में देखें तो काशी के अलावा मथूरा में भी विवाद है। अपने इस बयान से योगी आदित्यनाथ ने रुख साफ कर दिया है कि उनकी सरकार ज्ञानवापी को लेकर क्या सोचती हैं और जरूरत पड़ने पर कोर्ट में किस तरह के बाद रखी जाएगी। योगी के इस बयान से कहीं ना कहीं हिंदुत्व के नाम पर वोट बैंक को लामबंद करने में मदद मिलेगी। अगर कोई दल योगी के बयान का खुलकर विरोध करेगा तो भाजपा लोगों के बीच ही यह पहुंचाने की कोशिश करेगी वह दल हिंदू आस्था का सम्मान नहीं करती, तुष्टिकरण की राजनीति करती है।

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: Karnataka में पांच गारंटी बनी Congress के गले की फांस! क्या हैं DK Shivakumar के बयान के मायने

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। दिल्ली में सत्ता हासिल करने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में जीत हासिल की जाए। भाजपा को यह बात अच्छे से पता है कि लोगों के समक्ष वर्तमान में कई मुद्दे हैं। लेकिन भावनात्मक तौर पर उन्हें अपने पक्ष में कैसे किया जा सकता है। शायद यही कारण है कि एक बार फिर से भाजपा की ओर से हिंदुत्व वाले मुद्दों को उछाला जा रहा है। खैर, जनता सब समझती है और उसी के आधार पर अपना फैसला लेती है। यही तो प्रजातंत्र है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़