बांग्लादेशियों के लिए ममता बनर्जी ने ऐसा क्या कह दिया, पड़ोसी देश ने थमाया डिप्लोमैटिक नोट, प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने किया खुलासा
बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद द्वारा बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच वहां (बांग्लादेश) के लोगों को आश्रय देने संबंधी बनर्जी की हालिया टिप्पणी पर आपत्ति जताई।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक बयान पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही बांग्लादेश सरकार की तरफ से भारत सरकार को एक पत्र लिखने की बात भी कही गई है। ऐसे में क्या भारत सरकार को कोई पत्र बांग्लादेश की तरफ से प्राप्त हुआ है? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम लोगों को बांग्लादेश की सरकार की तरफ से एक डिप्लोमैटिक नोट मिला है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से दी गई टिप्पणी को लेकर आपत्ति जताई है। बांग्लादेश की तरफ से कहा गया कि ये सही नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ये कहना चाहेंगे कि भारतीय संविधान के तहत शेड्यूल 7 के यूनियन 1 लिस्ट के आइटम नं 10 के तहत विदेशी मामले और बाहर के देशों से ताल्लुक रहने वाले विषय यूनियन लिस्ट के अंदर है और इस पर केवल केंद्र सरकार ही काम कर सकता है।
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बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद द्वारा बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच वहां (बांग्लादेश) के लोगों को आश्रय देने संबंधी बनर्जी की हालिया टिप्पणी पर आपत्ति जताई। सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो में महमूद को यह कहते हुए सुना गया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूरे सम्मान के साथ मैं कहना चाहूंगा कि उनके साथ हमारे बेहद अच्छे संबंध हैं। हमारे बीच गहरे संबंध हैं, लेकिन उनकी टिप्पणियों से कुछ हद तक भ्रम की स्थिति पैदा हुई है और इससे लोग गुमराह हो सकते हैं। हमने इस मुद्दे पर भारत सरकार को एक पत्र लिखा है।
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बता दें कि कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली के दौरान बनर्जी ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा था कि वह पड़ोसी देश में संकट में फंसे लोगों के लिए पश्चिम बंगाल के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें आश्रय देंगी। नर्जी ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांत क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक संकल्प है। उन्होंने बंगाल के उन निवासियों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया जिनके रिश्तेदार अंतरराष्ट्रीय सीमा से पूर्व की ओर हो रही हिंसा के कारण फंस गए हैं।
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