कांग्रेस ने किया क्या है, जो इन्हें वोट दें जनताः चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ बताएं कि उन्होंने प्रदेश की जनता को क्यों धोखा दिया? किसानों के साथ क्यों छलावा किया? माताओं-बहनों, गरीबों, बुजुर्गों की योजनाओं को क्यों बंद कर दिया? आखिरकार क्या गलती थी प्रदेश की जनता की, जिनके साथ ऐसा छलावा किया गया।
मुरैना। कांग्रेस की सरकारों ने देश-प्रदेश के लिए ऐसे कौन से काम किए हैं, जो जनता इन्हें वोट दें। चुनाव के समय तो कांग्रेस के नेता वोट मांगने के लिए जनता के पास आ जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद इनका पता ही नहीं चलता। चंबल में बाढ़ आई तो कमलनाथ कभी नहीं आए, लेकिन वोट मांगने के लिए बार-बार आ रहे हैं। कांग्रेस ने 2003 से पहले भी प्रदेश को बंटाढार बना दिया था तो रही कसर कमलनाथ ने 15 माह में पूरी कर दी। ये बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे जौरा विधानसभा के सती मैया एवं सुमावली विधानसभा के जखोना में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ बताएं कि उन्होंने प्रदेश की जनता को क्यों धोखा दिया? किसानों के साथ क्यों छलावा किया? माताओं-बहनों, गरीबों, बुजुर्गों की योजनाओं को क्यों बंद कर दिया? आखिरकार क्या गलती थी प्रदेश की जनता की, जिनके साथ ऐसा छलावा किया गया। उन्होंने कहा कि एक सरकार भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी थी और है, जिसमें हमने प्रदेश को बंटाढार प्रदेश से खुशहाल और विकासशील प्रदेश बनाया है। हम समय काटने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं हैं। हम तो प्रदेश की जनता और प्रदेश के गरीब, किसानों की भलाई करने के लिए सरकार में आए हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते फिरते हैं कि उनका राजनीतिक जीवन पूरी तरह से बेदाग रहा है, तो मैंने कहा कि बेनकाव चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं और अगर वो दाग जनता ने देख लिए तो चेहरा दिखाने के काबिल भी नहीं रहोगे। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस के नेता जनता के बीच वोट मांगने जा रहे हैं, लेकिन वे उनकी सरकारों में किए गए कार्य ही नहीं बता पा रहे हैं। बताएंगे भी कैसे, क्योंकि उनकी सरकारों में यदि विकास कार्य हुए होते तो जनता को दिखते, लेकिन 2003 से पहले दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश को बंटाढार प्रदेश बनाकर रखा हुआ था। उनके राज में ग्वालियर, मुरैना जैसे शहरों में ही बिजली के दर्शन नहीं हो पाते थे।
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