ओडिशा के जंगल में क्षेत्र पर कब्जे के लिए दो बाघों के बीच सप्ताह भर चली लड़ाई

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पिछले महीने हुई इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को खुश कर दिया क्योंकि अब यह साबित हो गया है कि सिमिलिपाल बाघ अभ्यारणय (एसटीआर) में पर्याप्त संख्या में बाघ हैं।

ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान के अंदर के क्षेत्र को लेकर दो वयस्क ‘रॉयल बंगाल’ बाघ एक सप्ताह से अधिक समय तक लड़ते रहे और हारने वाले बाघ को आखिरकार कहीं और बसने के लिए जाना पड़ा। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पिछले महीने हुई इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को खुश कर दिया क्योंकि अब यह साबित हो गया है कि सिमिलिपाल बाघ अभ्यारणय (एसटीआर) में पर्याप्त संख्या में बाघ हैं।

एसटीआर में चल रही बाघों की गणना के लिए पेड़ों पर लगाए गए कैमरों में लड़ते हुए बाघों की वीडियो रिकार्ड हुई। एसटीआर के निदेशक प्रकाश गोगिनेनी ने कहा, ‘‘नौ नवंबर को दो बाघों - टी-35 और टी-31 के बीच लड़ाई शुरू हो गई। इसके बाद एक हफ्ते तक छिटपुट लड़ाई चलती रही। टी-31 को इलाका छोड़ना पड़ा, जबकि माना जाता है कि टी-35 ने लड़ाई जीत ली है।’’ ‘टी-31’ और ‘टी-35’ बाघों को आवंटित कोड संख्या हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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