हिंसा समाधान नहीं, प्रगति के लिए शांति जरूरी: वेंकैया नायडू
देश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में नायडू का यह बयान आया है। वह कवि कुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित सौवें ‘ऑल इंडिया ओरिएन्टल कांफ्रेंस’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
नागपुर। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि प्रगति के लिए शांति जरूरी है क्योंकि यह साबित तथ्य है कि हिंसा से किसी मुद्दे का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने आगजनी और संपत्तियों तथा वाहनों को नुकसान पहुंचाए जाने को खारिज करते हुए कहा कि अगर कोई किसी व्यवस्था का विरोध करना चाहता है तो उसे उसके पीछे के ‘‘विचारों को खत्म करना’’ चाहिए न कि हिंसा में संलिप्त होना चाहिए।
Presented Muppavarapu Venkaiah Naidu Natioanl Award for Social Service to Dr. Muniratnam, Founder Secretary of Rashtriya Seva Samithi -RASS in Hyderabad today during the 10th anniversary celebrations of Muppavarapu Foundation. pic.twitter.com/yFfpt02mta
— M Venkaiah Naidu (@MVenkaiahNaidu) January 9, 2020
देश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में नायडू का यह बयान आया है। वह कवि कुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित सौवें ‘ऑल इंडिया ओरिएन्टल कांफ्रेंस’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: यह आपका अपना देश है। बस को जलाना, ट्रेन को जलाना और वाहनों को जलाना... आपको विचारों को जलाना है न कि वस्तुओं को। और हिंसा से कोई समाधान नहीं निकल सकता, यह साबित हो चुका है।’’
इसे भी पढ़ें: सभी दल एक साथ चुनाव पर गंभीरता से विचार करें: उपराष्ट्रपति नायडू
नायडू ने कहा, ‘‘प्रगति के लिए शांति की काफी जरूरत होती है और अगर आपको तनाव है तो फिर आप ध्यान नहीं दे सकते। इसलिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, शांतिपूर्ण देश और शांतिपूर्ण विश्व के लिए हम सबको एकजुट होना होगा ताकि पूरी मानवता केवल समृद्धि से ही नहीं बल्कि सुख से भी रह सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल समृद्धि आने से खुशी नहीं होती क्योंकि खुशी के लिए आपको और चीजों की जरूरत होती है। यह हमारी भारतीय परम्परा में है और आपको देखना चाहिए कि यह परम्परा नयी पीढ़ी तक पहुंचे।’’ उन्होंने कहा कि समाज में ‘‘विचार-विमर्श, सूचनाओं का आदान-प्रदान और पुष्टि के साथ सूचना की जरूरत है।’’
अन्य न्यूज़