उत्तराखंड : दलित ने अपनी बेटी के विवाह के लिए मंदिर में प्रवेश न करने देने की शिकायत वापस ली

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दास ने कहा कि आदिशक्ति मां भुवनेश्वरी मंदिर विकास मिशन और मंदिर पूजा सेवा समिति के पुजारियों के बीच विवाद चल रहा है। दास ने कहा कि उन्होंने मंदिर विकास मिशन अधिकारियों के दवाब में आकर मंगलवार को शिकायत दर्ज करायी थी।

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक दलित व्यक्ति ने पुलिस के समक्ष मंगलवार को दर्ज कराई गई उस शिकायत को वापस लेने की अर्जी दी है जिसमें उसने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जाति का होने के कारण उसे बेटी के विवाह के लिए मंदिर परिसर में घुसने की अनुमति नहीं दी गई।

दुल्हन के पिता ने बुधवार को अपनी शिकायत वापस लेने की अर्जी सदर की उपजिलाधिकारी रेखा आर्य को दी, जिसमें उसने कहा कि दबाव में आकर उसने शिकायत दर्ज कराई थी।।

अपनी अर्जी में उन्होंने कहा कि तहसील पौड़ी के मनियास्यूं पट्टी स्थित आदिशक्ति मां भुवनेश्वरी मंदिर सांगुड़ा के पुजारी ने उनके साथ कोई अभद्रता नहीं की और न ही जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।

लड़की के पिता नकुल दास ने अपनी अर्जी में कहा कि उन्होंने मंदिर विकास मिशन के पदाधिकारियों के बहकावे में आकर इस मामले में शिकायत की थी। शिकायत वापस लेने की अर्जी में दास ने कहा कि पांच मार्च को उनकी बेटी की शादी बेड़गांव के एक युवक से मंदिर में होनी थी। उन्होंने कहा कि कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने अपनी बेटी की शादी मंदिर में करवाई।

दास ने कहा कि आदिशक्ति मां भुवनेश्वरी मंदिर विकास मिशन और मंदिर पूजा सेवा समिति के पुजारियों के बीच विवाद चल रहा है। दास ने कहा कि उन्होंने मंदिर विकास मिशन अधिकारियों के दवाब में आकर मंगलवार को शिकायत दर्ज करायी थी।

वहीं, प्रकरण के जांच अधिकारी और पुलिस के सर्किल अधिकारी त्रिवेंद्र सिंह राणा ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि प्रकरण में मुकदमा दर्ज हो चुका है और उसकी विवेचना अभी जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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